DRDO TAPAS UAV: पलभर में होगा दुश्मन का खात्मा, 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए हथियारों को ट्रैक करता दिखा तपस
DRDO TAPAS UAV: डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
DRDO TAPAS UAV: बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ADE) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया तपस यूएवी ने 18 घंटे का उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। ADE डीआरडीओ के तहत एक प्रमुख रिसर्च लेबोरेटरी है। डीआरडीओ ने एक बयान में बताया कि इस परीक्षण को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
एयरो इंडिया में तपस ने दिखाया दम
TAPAS अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) मानव रहित विमान है। एयरक्राफ्ट आगामी बिना पायलट के चलने वाली विमानों के डेवलपमेंट की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जरूरी कदम है। भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एयरो इंडिया 2023 के दौरान तापस यूएवी द्वारा खींची गई हैरान कर देने वाली फुटेज ट्विटर पर शेयर की है। दो मिनट से ज्यादा के इस वीडियो में तपस 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए हथियारों को ट्रैक करता दिख रहा है।
13 से 17 फरवरी तक चलने वाले एयर शो में 13 से 15 फरवरी तक कारोबारी दिन रहे वहीं 16 और 17 फरवरी को इसे आम लोगों के लिए खोला जा गया है। पांच दिन तक चलने वाले एयरो इंडिया बेंगलुरु के येलाहांका एयरफोर्स स्टेशन पर हो रहा है। ये पूरा इलाका 35 हजार वर्ग मीटर में फैला है। इस शो में 98 देशों 100 से ज्यादा डिफेंस कंपनियों ने हिस्सा लिया। 700 से ज्यादा कंपनियां भारत की ही हैं। इस शो में 32 देशों के रक्षा मंत्री और 29 देशों के वायु सेना प्रमुख भी शामिल हुए।
इस वीडियो को ट्वीट करते हुए डीआरडीओ ने लिखा- " Aero India 2023 के दौरान तपस यूएवी ने चित्रदुर्ग से उड़ान भरी जो येलहंका वायु सेना स्टेशन बैंगलोर से 180 किमी की हवाई दूरी पर स्थित है। इसने उद्घाटन समारोह के दौरान 15000 फीट की ऊंचाई से ग्राउंड और एयर डिस्प्ले का लाइव एरियल कवरेज रिकॉर्ड किया।"
क्या हैं तपस ड्रोन की खूबियां?
तपस (TAPAS) का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (Tactical Airborne Platform for Aerial Surveillance-Beyond Horizon) है। तपस अब तक का सबसे ताकतवर स्वदेशी ड्रोन है जो पल भर में दुश्मन का खात्मा कर सकता है इसकी निगरानी की क्षमता भी पहले से कई गुना ज्यादा है।
TAPAS ड्रोन केवल सीमाओं पर निगरानी रखने ही नहीं, बल्कि दुश्मनों पर हमला करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। 2016 से ही तपस का उत्पादन शुरू किया जा चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही तपस को भारतीय सेना अपनी संवेदनशील सीमाओं पर तैनात कर देगी।
28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान
तपस ड्रोन की अन्य खूबियों की बात करें, तो यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है. तपस एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन है, जो अमेरिका के MQ-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है। तपस अपने आप ही टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है। तपस ड्रोन को पहले रुस्तम-2 के नाम से पुकारा जाता था। जिसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला तपस ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। तपस ड्रोन दिन और रात दोनों में ही निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है।