कालेधन वालों से बोले मोदी- आप सुधरें या ना सुधरें, लेकिन गरीब की जिंदगी से मत खेलिए

Update:2016-11-27 08:52 IST

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद 27 नवंबर को पहली बार पीएम मोदी ने देश से मन की बात की। उन्होंने कहा, ''500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला आसान नहीं था। इसके बंद होने से जनता को होने वाली परेशानियों का मुझे अंदाजा था, लेकिन कालेधन को बाहर निकालने के लिए एक कड़ा फैसला लेना जरूरी था। बुराइयां इतनी फैली हुई हैं कि आज भी कुछ लोगों की बुराइयों की आदत जाती नहीं है। मैं उन लोगों से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आप सुधरें या ना सुधरें, लेकिन गरीब की जिंदगी से खिलवाड़ मत कीजिए। 70 साल से जिस बीमारियों को हम झेल रहे हैं उस बीमारियों से मुक्ति का अभियान सरल नहीं हो सकता है। 'बेनामी प्रॉपर्टी का कठोर कानून बना है। हम इसे भी लागू करने वाले हैं। ''

और क्या बोले पीएम मोदी ?

-अभी भी कुछ लोगों को लगता है कि कालाधन किसी ना किसी तरीके से व्यवस्था में फिर से ला दूं।

-वो अपने पैसे बचाने के लिए गैर-कानूनी रास्ते खोज रहे हैं। इसके लिए वो गरीबों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

-गरीब को थोड़ा सा लालच देकर या उनका कोई काम करवाकर उनके खाते में कालाधन जमा करवा रहे हैं।

-मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि सुधरना, कानून का पालन करना न करना आपकी मर्जी, लेकिन गरीब की जिंदगी से खिलवाड़ मत कीजिए।

-आप कुछ ऐसा न करें कि रिकॉर्ड पर गरीब का नाम आ जाए और जब जांच हो तो मेरा प्यारा गरीब आपके पाप के कारण मुसीबत में फंस जाए।

-8 नवंबर को मैंने नोटबंदी का एलान किया था। तब मैंने कहा था कि इस सामान्य नहीं है, कठिनाइयों से भरा है।

-पूरा विश्व इसे बड़े कदम के रूप में देख रहा है। पूछ रहे हैं कि क्या हिन्दुस्तान के सवा सौ करोड़ देशवासी इसे सपोर्ट करेंगे।

देश दे रहा फैसले में मेरा साथ: मोदी

-सरकार, बैंक और पोस्ट ऑफिस इस फैसले के बाद पूरा जी-जान लगाकर आपके लिए काम कर रहे हैं।

-शक्ति की पहचान तो तब होती है, जब कसौटी से पार उतरते हैं। आम लोगों का समर्थन देखकर काम करने में आनंद आता है।

-हम यह बिल्कुल नहीं चाहते कि इससे गरीबों को कोई परेशानी हो। मुझे खुशी है कि देशवासियों ने इस फैसले में मेरा साथ दिया है।

-इतना आनंद होता है, इतना गर्व होता है कि मेरे देश में सामान्य मानव का क्या अद्भुत सामर्थ्य है।

-हमारा गांव, हमारा किसान ये हमारे देश की अर्थव्यवस्था की एक मज़बूत धुरी हैं।

'लोगों के बीच बढ़ा अपनापन और प्यार'

- पीएम मोदी ने आगे बताया कि खंडवा में एक बुजुर्ग का एक्सीडेंट हो गया। जब इस बात का पता चला तो बैंक मैनेजर ने खुद घर जाकर उन्हें रुपए दिए।

- मुझे याद है कि जब जनधन खाते खोलने का अभियान चल रहा था। तब बैंक कर्मचारियों ने इस काम की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाया था।

- वहीं, मुझे जानकर खुशी हुई कि चाय पर चर्चा में शादी भी हो सकती है। नोटबंदी के बाद गुजरात में कुछ ऐसा हुआ जिसे जानकर गर्व हुआ।

-गुजरात में एक शादी में सिर्फ बरातियों को चाय पिलाई गई और बरातियों ने भी इसे अपना अपमान न समझकर दूल्हा-दुल्हन का साथ दिया।

-तो असम में टी गार्डन में काम करने वाली चार महिलाओं ने एक साथ जाकर शॉपिंग की, जिससे उन्हें खुले पैसे की जरूरत ही नहीं पड़ी।

'हरिवंशराय बच्चन को दी मन से श्रद्धाजंलि'

-हमारे देश के एक महान कवि श्रीमान हरिवंशराय बच्चन जी का आज जन्म जयंती का दिन है।

-आज हरिवंशराय जी के जन्मदिन पर श्री अमिताभ बच्चन जी ने 'स्वच्छता अभियान' के लिये एक नारा दिया है।

-आपने देखा होगा, इस सदी के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार अमिताभ जी स्वच्छता के अभियान को बहुत जी-जान से आगे बढ़ा रहे हैं।

-श्री अमिताभ बच्चन जी ने मुझे लिखा ‘स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ भारत, मेरा परिचय।

सेना को समर्पित थी मेरी दीवाली: मोदी

-देश ने जिस अनूठे अंदाज़ में, दिवाली सेना के जवानों को, सुरक्षा बलों को समर्पित की, इसका असर वहां हर जवानों के चेहरे पर अभिव्यक्त होता था।

-सेना के एक जवान ने मुझे लिखा - हम सैनिकों के लिये होली, दीवाली हर त्योहार सरहद पर ही होता है, हर वक्त देश की हिफाज़त में डूबे रहते हैं।

-कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर से, वहां के गाँव के सारे प्रधान मिलने आये थे। काफ़ी देर तक उनसे मुझे बातें करने का अवसर मिला।

-वे अपने गांव के विकास की कुछ बातें लेकर के आए थे। मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप जाकर के इन बच्चों के भविष्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करें।

-जम्मू-कश्मीर के हमारे बच्चे उज्ज्वल भविष्य के लिये, शिक्षा के माध्यम से - विकास की नई ऊंचाइयों को पाने के लिये कृतसंकल्प हैं।

बता दें कि 'मन की बात' कार्यक्रम का ये 26वां प्रसारण है। इससे पहले 31 अक्टूबर को मन की बात में पीएम मोदी ने सरहद पर तैनात सेना के जवानों की सराहना की थी।

Full View

Tags:    

Similar News