Akhilesh Yadav News: गंगा नदी में डुबकी लगाने पहुंच गये अखिलेश यादव, लिया आशीर्वाद

Akhilesh Yadav News: सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर गंगा नदी में डुबकी लगाकर माँ गंगा का आशीर्वाद लिया।;

Newstrack :  Network
Update:2025-01-14 22:37 IST

Akhilesh Yadav took holy dip in river Ganga on Makar Sankranti (Photo: Akhilesh Yadav/X)

Akhilesh Yadav News: सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मकर संक्रांति के पावन अवसर पर गंगा नदी में डुबकी लगाकर माँ गंगा का आशीर्वाद लिया। उन्होंने इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट करते हुए लिखा, "मकर संक्रांति के पावन पर्व पर लिया माँ गंगा का आशीर्वाद।"

बता दें गंगा नदी में डुबकी लगाने का धार्मिक महत्व है, मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो नए मौसम की शुरुआत और सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है। इस दिन लोग गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पुण्य अर्जित करते हैं।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो विशेष रूप से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के समय मनाया जाता है। यह दिन आमतौर पर 14 जनवरी को आता है, और यह दिन सर्दियों के समापन और गर्मियों की शुरुआत को दर्शाता है। मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है।

धार्मिक महत्व: मकर संक्रांति को सूर्य देवता की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जो उत्तरायण का आरंभ होता है। उत्तरायण के दौरान सूर्य के उत्तरी गोलार्ध की ओर जाने से दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं, जिसे शुभ माना जाता है। इसे धर्म और पुण्य की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

पवित्र स्नान: मकर संक्रांति के दिन लाखों लोग गंगा, यमुना, हरिद्वार, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए जाते हैं। यह माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

खिचड़ी और तिल गुड़ का महत्व: इस दिन तिल और गुड़ का सेवन विशेष रूप से किया जाता है। तिल और गुड़ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। साथ ही यह विश्वास भी है कि तिल और गुड़ का सेवन व्यक्ति को शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

कृषि और फसल का त्यौहार: मकर संक्रांति भारत में किसानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह फसल की कटाई का समय होता है। इस दिन को खासतौर पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और बिहार में "लोहड़ी" और "पोहला" जैसे नामों से मनाया जाता है, जो फसल की बुआई और खुशहाली की शुरुआत का प्रतीक है।

Tags:    

Similar News