कश्मीर मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक, सुरक्षा-राष्ट्रीय संप्रभुता पर दिखी एकजुटता

Update:2016-09-07 16:08 IST

नई दिल्ली: कश्मीर मुद्दे पर बुधवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में चार और पांच सितंबर को कश्मीर यात्रा के दौरान सिविल सोसाइटी, राजनीतिक दलों सहित सरकारी अधिकारियों के साथ हुई अपनी बातचीत के नतीजों पर चर्चा की। गृह मंत्रालय ने बैठक में कश्मीर गए सभी पार्टियों के नेताओं से सुझाव लेकर एक प्रजेंटेशन भी दिया।

बैठक में शामिल नेताओं ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित अलगाववादियों की ओर बिना कोई इशारा किए बयान में केंद्र और राज्य सरकारों से सभी हितधारकों के साथ बातचीत के लिए कदम उठाने पर सहमति बनी।

जल्द सामान्य हो जनजीवन

बैठक के बाद दिए बयान में राज्य की मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए नेताओं ने कहा, 'प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का मानना है कि एक सभ्य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।' इसमें कहा गया, राष्ट्रीय संप्रभुता के मुददों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों से कहा गया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं कि राज्य में शिक्षा संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का कामकाज जल्द से जल्द सामान्य हो।

'हिंसा के रास्ते पर ना चलें'

बैठक में पीएमओ में मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी पार्टियां इस बात पर सहमत हुई हैं कि सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा। इस दौरान सभी पार्टियों ने लोगों से ये अपील भी की है कि वो हिंसा के रास्ते पर ना चलें। जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी पक्षों से बात करने को तैयार हैं।

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अफ्स्पा की समीक्षा पर भी बात

प्रजेंटशन में कश्मीर के वर्तमान हालात को लेकर सभी पार्टियों ने अपना नजरिया रखा। इस बातचीत में नागरिक क्षेत्र में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा की बात भी उठी। बैठक में कुछ पार्टियों ने कश्मीर में अर्धसैनिक बलों और सैनिकों की संख्या घटाने के सुझाव भी दिए। कुछ अन्य पार्टियों के नेताओं ने ये भी कहा कि महबूबा मुफ्ती कश्मीर हिंसा से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही।

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राहत पैकेज की उठी मांग

बैठक में नेताओं ने ये भी कहा कि राज्य के नेताओं की ओर से भ्रामक बयान दिए गए, जिसने हालात को और खराब किया। इन नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों के लिए राहत पैकेज की मांग की।

लोगों की आवाजाही पर ना लगे रोक

बैठक में नेताओं ने घाटी में सामान्य जनजीवन बहाल करने के लिए कर्फ्यू हटाने और स्कूलों को दोबारा खोलने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि आम लोगों की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।

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