नोएडा: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बुधवार (04 अक्टूबर) को आम्रपाली ग्रुप के अल्ट्रा होम्स के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी को मंजूरी दे दी है। वहीं, बायर्स का कहना है कि वह एनसीएलटी के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
जानकारों की मानें, तो इसका असर बिल्डर के अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी पड़ सकता है। साथ ही इस प्रोजेक्ट के हजारों बायर्स पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। एनसीएलटी ने संजय गुप्ता को इनसॉल्वेंसी रेजॉलूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) के तौर पर नियुक्त किया है और बिल्डर को 270 दिनों का समय दिया गया है।
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अन्य प्रोजेक्ट भी हो सकते हैं प्रभावित
आम्रपाली बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया, कि 'जिस तरह एनसीएलटी द्वारा आम्रपाली अल्ट्रा होम्स के खिलाफ दिवालिया की प्रक्रिया शुरू की गई है, उससे प्रोजेक्ट करीब 8,000 बायर्स के साथ-साथ आम्रपाली के अन्य प्रोजेक्टों के बायर्स भी प्रभावित हो सकते हैं। हमलोग इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हम बायर्स के हक में ही फैसला सुनाएगी।'
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दिवालिया घोषित कराने की साजिश
उन्होंने बताया, कि 'अलग-अलग बिल्डर लगातार खुद को दिवालिया घोषित कराने की साजिश कर रहे हैं, जिससे कि वह बायर्स का पैसा हजम कर सके। लेकिन हमलोग ऐसा नहीं होने देंगे और बिल्डर के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ेंगे।'
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दिवालिया घोषित करने की अर्जी को मिली मंजूरी
बता दें, कि इससे पहले सितंबर में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आम्रपाली इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दिवालिया घोषित शुरू करने की अर्जी को मंजूर दे दी है। बैंक ने आम्रपाली इंफ्रास्ट्रक्चर पर 97.30 करोड़ रुपए के लोन पर डिफॉल्ट किया था। बैंक ने 10 अगस्त को एनसीएलटी में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आम्रपाली इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत इनसाल्वेंसी की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी।