Anand Pal Encounter Case : अब पुलिस अफसरों पर चलेगा हत्या का केस, सीबीआई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए पूरा मामला
Anand Pal Encounter Case : राजस्थान एसओजी ने चुरू जिले के मालासार गांव में 24 जून, 2017 को गैंगेस्टर आनंद पाल सिंह का एनकाउंटर किया था, जिसे परिजनों ने फर्जी बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी।
Gangster Anand Pal Singh : गैंगेस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। राजस्थान के जोधपुर की सीबीआई कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को हत्या का आरोपी बनाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन चुरू के एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ और केड कॉन्स्टेबल कैलाश को धारा 302 के तहत आरोपी बनाया है, अब उनके खिलाफ हत्या का केस चलेगा। बता दें कि एसओपी ने राजस्थान के चुरू के मालासार गांव में 24 जून, 2017 को गैंगेस्टर आनंद पाल सिंह एनकाउंटर किया था, जिसे परिजनों ने फर्जी बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी।
गैंगेस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले को लेकर सीबीआई कोर्ट में सुनवाई जा रही थी। सुनवाई क दौरान सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, इस रिपोर्ट में सीबीआई ने फर्जी एनकाउंटर की बात को नकार दिया था, हालांकि सीबीआई कोर्ट ने ये रिपोर्ट स्वीकार करने से मना कर दिया था। वहीं, आनंदपाल की पत्नी राजकंवर और भाई भूपिन्दर सिंह के वकील भंवर सिंह राठौड़ ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए तर्क दिया था कि उनके शरीर पर चोट के निशान थे। इससे साफ जाहिर होता है कि एनकाउंटर फर्जी किया गया था।
कोर्ट ने दिया हत्या का केस चलाने का आदेश
वकील भंवर सिंह राठौड़ ने कहा कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पढ़ी है, इसमें कहा गया है कि आनंदपाल को बेहद करीब से गोली मारी गई थी। रिपोर्ट पढ़ने के बाद ऐसा लग रहा है कि पहले उन्हें बंधक बनाया है, इसके बाद टॉर्चर किया गया और फिर गोली मारकर हत्या की दी गई है और इस हत्या की वारदात को एनकाउंटर दिखाने की कोशिश की गई है। उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई कोर्ट ने पुलिस पुलिस अधिकारियों पर धारा 302 यानी हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
इन अफसरों के खिलाफ चलेगा मुकदमा
सीबीआई कोर्ट के एसीजेएम ने एनकाउंटर केस की सुनवाई करते हुए तत्कालीन चुरु एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, हेड कांस्टेबल कैलाश के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। बता दें कि एनकाउंटर के बाद अधिकारियों को सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें प्रमोशन भी मिला था।
वसुंधरा सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
समाज और परिवार के लोगों ने जब आनंदपाल के एनकाउंटर का विरोध किया और इसे फर्जी बताया तो तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट को को वर्ष 2020 में सौंपी। कोर्ट ने उस समय रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था, हालांकि अब अस्वीकार करते हुए पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया।
क्या था पूरा मामला?
गैंगेस्टर आंनदपाल सिंह को गिरफ्तार करने कके लिए तत्कालीन एसओजी के आईजी दिनेश एम एन के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस ने गैंगेस्टर से जुड़े नेटवर्क को खंगालना शुरू किया। इस दौरन पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इससे उसका नेटवर्क टूटने लगा। पुलिस ने नेटवर्क के एक व्यक्ति को पुलिस के इनफॉर्मर के तौर पर तैयार किया गया। इसके बाद पुलिस को गैंगेस्टर आनंदपाल और उसके भाईयों की लोकेशन ट्रैस करने में सफलता हासिल की है। इसके बाद एसओजी टीम ने 24 जून, 2017 को चूरू के मालासर गांव में धावा बोल दिया। पुलिस की आहट को देखते हुए आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके - 47 से करीब 100 राउंड फायर कर दिए। इसी दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आनंदपाल के कई गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई।