भारतीय मूल की अनीता आनंद और कमल खेड़ा कनाडा की नई कैबिनेट में हुई शामिल, जानें कौन हैं
Anita Anand and Kamal Khera: कनाडा की नई सरकार में कैबिनेट विस्तार हो रहा है जिसमें भारतीय मूल की दो महिलाओं अनीता आनंद और कमल खेड़ा को जगह मिली है। जानें इनके बारे में।;
Anita Anand and Kamal Kheda
Anita Anand and Kamal Khera: कनाडा में जस्टिन ट्रुडो की सरकार का अंत हो चुका है। यहाँ लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री बनाया गया है। शुक्रवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी ने शपथ भी ली। अब कनाडा के प्रधानमंत्री बनने के बाद नई कैबिनेट के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें नेताओं को अहम् जिम्मेदारी दी जा रही है। इस नई कैबिनेट में भारतीय मूल की दो महिलाओं अनीता आनंद और कमल खेड़ा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि इनमें से एक को इनोवेशन, साइंस और इंडस्ट्री की जिम्मेदारी तो वहीं दूसरे को स्वास्थ्य विभाग का पूरा जिम्मा दिया जायेगा। जानें कौन हैं भारतीय मूल की दोनों महिलाएं।
कमल खेड़ा कौन हैं?
कमल खेड़ा का जन्म दिल्ली में हुआ था। ये कनाडा की संसद में सबसे कम उम्र की चुनी जाने वाली महिलाओं में से एक हैं। कमल खेड़ा साल 2015 पहली बार ब्रैम्पटन वेस्ट से संसद सदस्य चुनी गईं थीं। ये अपने स्कूल के समय से ही कनाडा चली गई थी। कमल खेड़ा ने टोरंटो की यॉर्क यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन किया है। स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद कमल खेड़ा ने बयान में कहा था कि एक नर्स के रूप में मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा अपने मरीजों को ठीक करना रहा है। इसी सोच के साथ में स्वास्थ्य मंत्री बनकर भी काम करूंगी। जानकारी के लिए बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री बनने से पहले ये कई पदों पर रह चुकी हैं। पॉलिटिक्स ज्वाइन करने से पहले ये टोरंटो के सेंट जोसेफ हेल्थ सेंटर में ऑन्कोलॉजी यूनिट में नर्स के तौर पर काम करती थी। कोरोना के समय में इन्होने अपने काम से खूब सुर्खियां भी बटोरी थी।
अनीता आनंद कौन हैं?
अनीता आनंद कनाडा की एक प्रमुख राजनेता और वकील हैं। उनका जन्म 20 मई 1967 को नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय मूल के चिकित्सक थे—पिता एसवी आनंद तमिलनाडु से और मां सरोज डी. राम पंजाब से थीं। दोनों महात्मा गांधी के अनुयायी थे। 1960 के दशक की शुरुआत में वे नाइजीरिया में रह रहे थे, जहां अनीता का जन्म हुआ।
1985 में अनीता ओंटारियो चली गईं। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और टोरंटो यूनिवर्सिटी में लॉ की प्रोफेसर बनीं। 2019 में उन्होंने ऑकविले से संसदीय चुनाव जीता और सांसद बनीं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के मंत्रिमंडल में वे महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। उन्होंने सार्वजनिक सेवा और नीतिगत फैसलों में अहम भूमिका निभाई।
2024 में, ट्रूडो के इस्तीफे के बाद वे प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थीं, लेकिन जनवरी में उन्होंने खुद को इस दौड़ से हटा लिया। उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अनीता ने कनाडाई अर्थव्यवस्था की बेहतरी और एकजुटता को प्राथमिकता देने की बात कही है। उनके नेतृत्व को कनाडा की राजनीति में एक प्रभावशाली बदलाव के रूप में देखा जाता है।