Bihar Politics: बिहार में नीतीश के बेटे निशांत की सियासी एंट्री तय! इस सीट से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव

Bihar Politics: बिहार में तेज होती सियासी गतिविधियों के बीच सबकी निगाहें नीतीश कुमार के फैसले पर लगी हुई हैं।;

Update:2025-03-17 10:07 IST

Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए तेज होती सियासी गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की सियासी एंट्री को लेकर अटकलों का बाजार गरम होता जा रहा है। जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से यहां तक दावा किया गया है कि निशांत ने इसके लिए हामी भर दी है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बाबत आखिरी फैसला लेना है।

मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में निशांत की सक्रियता ने भी बड़ा संकेत दिया है। इसके अलावा जदयू कार्यालय पर निशांत के स्वागत में लगे तमाम पोस्टर भी बड़ा संकेत दे रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि यदि निशांत कुमार को विधानसभा चुनाव में उतारा गया तो वे हरनौत सीट से चुनाव लड़ सकते हैं जहां से नीतीश कुमार ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी।

होली मिलन समारोह में निशांत की सक्रियता

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है और इस चुनाव के दौरान एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला तय माना जा रहा है। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी इस बार चुनावी अखाड़े में उतरेगी जिससे चुनावी समीकरण पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत के राजनीति में डेब्यू की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है। निशांत कुमार की बढ़ती सक्रियता इस ओर बड़ा संकेत दे रही है।

होली के मौके पर आयोजित समारोह के दौरान निशांत की सक्रियता और जदयू के नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को और तेजी मिली है। हालांकि नीतीश कुमार और निशांत दोनों ने इस बाबत चुप्पी साध रखी है मगर जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार निशांत की सियासी एंट्री के बारे में बयान दिए जा रहे हैं।

निशांत के साथ तस्वीरें खिंचाने का क्रेज

होली के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आयोजित होली मिलन समारोह में प्रदेश भर के जदयू नेताओं और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान निशांत ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की और तस्वीरें खिंचवाईं। जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं में निशांत के साथ तस्वीरें खिंचाने का जबर्दस्त क्रेज दिखा।

जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं में निशांत को तिलक लगाने की होड़ दिखी मानो उनके राजतिलक की तैयारियां की जा रही हों। जदयू के कई नेताओं ने यहां तक दावा किया है कि इन मुलाकातों के दौरान निशांत ने सियासी मैदान में उतरने की हामी भर दी है। अब नीतीश को ही संबंध में आखिरी फैसला करना है।

होर्डिंग और पोस्टर भी दे रहे बड़ा संकेत

जदयू कार्यालय पर लगी बड़ी सी होर्डिंग में यहां तक कहा गया है कि निशांत कुमार ने बिहार की मांग सुन ली है और इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया गया है। सियासी जानकारी का कहना है कि होली समारोह में निशांत की सक्रिय भागीदारी और जदयू कार्यालय पर लगी होर्डिंग और पोस्टर बड़ा संकेत देने के लिए काफी हैं। राजधानी पटना में पिछले कुछ समय से निशांत के पोस्टरों की बाढ़ आई हुई है।

पार्टी की ओर से अभी तक इन पोस्टरों में लिखी बातों को नकारा नहीं गया है। उल्लेखनीय बात यह भी है कि निशांत कुमार अभी तक सियासी गतिविधियों से पूरी तरह दूर रहे हैं और उन्होंने पहली बार पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सक्रियता दिखाई है।

जदयू के वरिष्ठ नेता भी निशांत के समर्थन में

होली मिलन समारोह के दौरान नीतीश सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी और जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा भी निशांत कुमार की पीठ थपथपाते हुए नजर आए। होली मिलन के बाद जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने इशारा किया तो समारोह से बाहर निकले पार्टी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने बाकायदा कैमरे पर ऐलान कर दिया कि निशांत की सियासी एंट्री हो गई है।

समारोह के बाद जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ निशांत कुमार की तस्वीरें पार्टी के हैंडल से शेयर भी की गईं। निशांत कुमार अभी तक राजनीति में उतरने के सवालों को टालते रहे हैं मगर उन्होंने अपने पिता के लिए बिहार की जनता से समर्थन जरूर मांगा है।

निशांत इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

बिहार की सियासत में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव, रामविलास पासवान और नीतीश कुमार सनकक्ष नेता रहे हैं और तीनों की बिहार की सियासत पर मजबूत पकड़ रही है। लालू ने अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दी है जबकि रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत उनके बेटे चिराग पासवान आगे बढ़ा रहे हैं। नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी राजनीतिक विरासत बेटे निशांत को सौंपने का ऐलान भले ही न किया हो मगर अब उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में निशांत का ही नाम लिया जाने लगा है।

जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार जल्द ही इस बाबत बड़ा फैसला ले सकते हैं। यदि निशांत को चुनाव में सियासी मैदान में उतरने का फैसला किया गया तो उन्हें हरनौत विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है।

इस सीट पर जदयू की मजबूत पकड़ मानी जाती है और नीतीश कुमार ने भी अपनी सियासी पारी की शुरुआत इसी सीट से की थी। ऐसे में यह सीट निशांत कुमार के लिए सुरक्षित मानी जा रही है। बिहार में तेज होती सियासी गतिविधियों के बीच सबकी निगाहें नीतीश कुमार के फैसले पर लगी हुई हैं।

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