Justice Joymalya Bagchi: कौन हैं जस्टिस जॉयमाला बागची, जो बने सुप्रीम कोर्ट के 33वें जज
Justice Joymalya Bagchi: आठ नवंबर 2021 को जस्टिस जॉयमाला बागची को कलकत्ता उच्च न्यायालय वापस भेज दिया गया था। तब से जॉयमाला बागची वहीं कार्यरत थे।;
Joymalya Bagchi
Justice Joymalya Bagchi: कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जॉयमाला बागची को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची के उच्चतम न्यायालय के जज बनने के बाद अब शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गयी है। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। इस तरह अभी तक एक भी एक पद रिक्त है।
जस्टिस बागची का कार्यकाल छह साल से अधिक का होगा। वह सीजेआई का भी पदभार भी संभालेंगे। सर्वोच्च न्यायालय परिसर में जस्टिस बागची का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद रहे। न्यायाधीश केवी विश्वनाथन के बाद न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची सीजेआई का पद संभालेंगे। 25 मई 2031 तक अपने रिटायरमेंट तक न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद का दायित्व संभालेंगे।
कलकत्ता में 13 साल से अधिक समय तक किया काम
आठ नवंबर 2021 को जस्टिस जॉयमाला बागची को कलकत्ता उच्च न्यायालय वापस भेज दिया गया था। तब से जॉयमाला बागची वहीं कार्यरत थे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में वह कलकत्ता उच्च न्यायालय में 13 साल से अधिक समय तक कार्य कर चुके हैं।
केंद्र सरकार ने दी थी मंजूरी
बीते 10 मार्च को केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति बागची के उच्चतम न्यायालय के जज बनने को मंजूरी दी थी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने छह मार्च को जज जॉयमाला बागची के नाम की सिफारिश की थी। पांच सदस्यीय कॉलेजियम में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ शामिल थे।
जॉयमाला बागची की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम ने कहा था कि 18 जुलाई 2013 को न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर के रिटायरमेंट के बाद से कलकत्ता उच्च न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश भारत का प्रधान न्यायाधीश नहीं बन सका है। जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। चार जनवरी 2021 को बागची को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था।