एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का एक और बुरा असर सामने आया, अमेरिका में हुआ मुकदमा
Astra Zeneca : एक नए शोध में ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और अन्य अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने पाया कि एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़े वीआईटीटी और क्लासिक एडेनोवायरल वेक्टर वीआईटीटी, दोनों में पीएफ4 एंटीबॉडी समान एटॉमिक फिंगरप्रिंट साझा करते हैं।
Astra Zeneca : एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन एक और घातक साइड इफेक्ट सामने आया है। ये साइड इफ़ेक्ट शरीर में खून के थक्के जमने की बीमारी से सम्बंधित है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनाई गई ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा दिग्गज एस्ट्रा जेनेका की कोरोना वैक्सीन से वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (वीआईटीटी) के खतरे बढ़ जाते हैं जो एक दुर्लभ लेकिन घातक रक्त का थक्का जमने वाला विकार है।
हालांकि यह नया नहीं है, वीआईटीटी एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित एस्ट्रा जेनेका वैक्सीन के बाद एक नई बीमारी के रूप में उभरा था। इस वैक्सीन को भारत में कोवीशील्ड और यूरोप में वैक्सज़ेवरिया के रूप में बेचा गया था।
नई रिसर्च आई सामने
एक नए शोध में ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी और अन्य अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने पाया कि एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़े वीआईटीटी और क्लासिक एडेनोवायरल वेक्टर वीआईटीटी, दोनों में पीएफ4 एंटीबॉडी समान एटॉमिक फिंगरप्रिंट साझा करते हैं।
2023 में अलग-अलग शोध में, कनाडा, उत्तरी अमेरिका, जर्मनी और इटली के वैज्ञानिकों ने समान पीएफ4 एंटीबॉडी के साथ लगभग समान विकार का वर्णन किया जो प्राकृतिक एडेनोवायरस (सामान्य सर्दी) संक्रमण के बाद कुछ मामलों में घातक था।
अमेरिका में वैक्सीन ट्रायल की मरीज ने ठोका मुकदमा
इस बीच एक अमेरिकी महिला ने दावा किया है कि वह एस्ट्रा जेनेका की कोरोना वैक्सीन के अमेरिकी ट्रायल में भाग लेने के बाद "स्थायी रूप से अक्षम" हो गई है। इस महिला ने कहा है कि वह अस्ट्रा ज़ेनेका पर मुकदमा कर रही है क्योंकि ये कंपनी उसका इलाज कराने में विफल रही। एक पूर्व शिक्षक 42 वर्षीय ब्रायन ड्रेसेन ने अमेरिका के यूटा राज्य में एस्ट्रा जेनेका के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उन्होंने दावा किया कि 2020 में एक वैक्सीन ट्रायल में भाग लेने के बाद उन्हें गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति विकसित हो गयी।
अदालत में उन्होंने कहा कि टीका लगाने के कुछ ही घंटों बाद दुष्प्रभाव सामने आ गए थे। यह मुकदमा अमेरिका में अपनी तरह का पहला मामला माना जाता है। अमेरिका में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का ट्रायल तो किया गया था लेकिन इसके टीके को कभी भी उपयोग के लिए मंजूर नहीं किया गया। इस महिला ने दावा किया है कि उसने वैक्सीन निर्माता के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें वादा किया गया था कि कंपनी चिकित्सा उपचार की लागत का भुगतान करेगी, बशर्ते कि लागत उचित हो, और आपने स्वयं अपने आप को चोट नहीं पहुंचाई हो।
ड्रेसेन ने कहा कि जब नवंबर 2020 में टीका लगने के तुरंत बाद उन्हें अपने शरीर में चुभन और सुइयों की गंभीर अनुभूति हुई, तो एस्ट्राजेनेका ने उनकी चिकित्सा देखभाल की लागत को कवर नहीं किया। उसने कहा कि न्यूरोपैथी का पता चलने के बाद वह काम करने में असमर्थ हो गई थी उसकी स्थिति को टीके से जुड़े होने के कारण "पोस्ट-वैक्सीन न्यूरोपैथी" के रूप में वर्गीकृत किया गया था।