अपना भारत/न्यूज ट्रैक के प्रधान संपादक योगेश मिश्र ने South Asia में मानवाधिकार के हालात पर की चर्चा

अमेरिका के सुप्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता डा० रिचर्ड बेंकिन ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र से दक्षिण एशिया में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा की।

Update: 2019-03-14 08:31 GMT

नई दिल्ली: अमेरिका के सुप्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता डा० रिचर्ड बेंकिन ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र से दक्षिण एशिया में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा की। इस बातचीत के दौरान डा० बेंकिन ने हैरानी जताई कि इतने व्यापक पैमाने पर मानवाधिकार हनन होने पर भी विशेष तौर से बांग्लादेश के बारे मे भारत मे इतनी चुप्पी क्यूँ है?

चर्चा के दौरान मानवाधिकार कार्यकर्ता डा० रिचर्ड बेंकिन ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र से कहा,आपकी सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बात मुझे ये लगी कि 1988 में आपने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी० फ़िल करते हुये “ मार्क्सवाद की प्रासंगिकता “ पर निबंध लिखा जिसमें मार्क्सवाद के पराभव का आकलन था , जो 1991 मे सच साबित हुआ।

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वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र भारतीय और विदेशी मीडिया में 25 वर्ष से ज्यादा काम किया है।आप अर्थशास्त्र और साहित्य दोनों में समान रूप से विशेष योग्यता रखते है। आपने हिन्दी भाषा में सात तथा अंग्रेज़ी भाषा में दो पुस्तकें लिखी है।

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वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र अमर उजाला , राष्ट्रीय सहारा , दैनिक जागरण , आउटलुक , नई दुनिया, नेशनल दुनिया , गवर्नेस नाऊ , वॉयस ऑफ़ अमेरिका तथा ‘डायच-वैले’ रेडियो के लिये भी रिपोर्टिंग की। इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र सहारा समूह के उत्तर प्रदेश के संपादक रहे एवं न्यूजएक्सप्रेस चैनल के उत्तर प्रदेश प्रमुख रहे ।

आपको उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘यश भारती’ एवं हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा साहित्य व पत्रकारिता का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान “मधु लिमये” पुरस्कार सहित कई सम्मानों से सम्मानित है।

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