केजरीवाल मंत्रिमंडल में फिर आधी आबादी नदारद

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ आप के छह विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी लेकिन इसमे किसी महिला विधायक का नाम नहीं था।

Update:2020-02-16 19:57 IST

लखनऊ: दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिलाओं को केंद्र में रखकर अपना घोषणापत्र बनाने वाले और नौ महिला प्रत्याशियों में से आठ को विधानसभा पहुंचाने वाली आम आदमी पार्टी के पहले मंत्रिमंडल में किसी भी महिला विधायक को मंत्रिपद की शपथ नहीं दिलाई गई। इससे पहले आम आदमी पार्टी की पूर्व की दो सरकारों में भी किसी महिला विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था।

आप के छह विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ आप के छह विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी लेकिन इसमे किसी महिला विधायक का नाम नहीं था। अन्ना हजारे के लोकपाल की मांग के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा का पहला चुनाव लड़ा था और 28 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसमे तीन महिला प्रत्याशी राखी बिड़ला, वीणा आनन्द तथा वन्दना कुमारी जीती थी।

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लेकिन चुनाव बाद कांग्रेस से गठबंधन कर दिल्ली में बनी आप की सरकार में केवल राखी बिडला को मंत्रिपद मिला। राखी को केजरीवाल के मंत्रिमंडल में महिला व बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। वहीं वर्ष 2015 के चुनाव में आप के 67 विधायक जीते थे, जिसमें छह महिलाएं प्रमिला टोकस, अलका लांबा, भावना गौड़, राखी बिड़ला, सरिता सिंह तथा वंदना कुमारी शामिल थीं। पर, केजरीवाल सरकार 2015 में किसी भी महिला विधायक को स्थान नहीं मिला था।

स्वराज का नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज है

हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में आप के 62 विधायक जीते हैं, जिसमें आठ महिलाएं भी शामिल हैं। वर्ष 1993 में हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव में 70 विधायक थे, लेकिन महिला विधायकों की संख्या महज दो थी। उस वक्त थोड़े समय के लिए ही सही सुषमा स्वराज ने मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। स्वराज का नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज है। उनको वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री बनाया गया था। वह विधानसभा की सदस्य नहीं थीं। उसके बाद 1998 से लेकर 2013 तक लगातार तीन बार शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रहीं।

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बताते चलें कि दिल्ली विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 70 है। इस हिसाब से मुख्यमंत्री समेत कुल सात मंत्री ही दिल्ली सरकार में शामिल हो सकते है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शपथ लेने वाले छह मंत्रियों में मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम शामिल हैं।

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