नई दिल्ली: रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आजम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इस केस में आजम के अलावा अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। ईडी ने जमीन हड़पने के कई मामलों को लेकर केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने आजम के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई कम से कम 26 एफआईआर का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ इनफोर्समेंट केस इन्फर्मेशन रिपोर्ट दर्ज की है। आजम खान और अन्य के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
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इस बीच १ अगस्त को रामपुर में अपने नेता सांसद आजम खां और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया, शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन दिया और नेशनल हाईवे पर जाम लगाया। इस दौरान पुलिस ने सपा नेता धर्मेंद्र यादव, अबदुल्ला आजम और मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन को हिरासत में ले लिया गया।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खां मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। जौहर यूनिवर्सिटी में बीते दिनों पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। जिसमें परिसर में बनी मुमताज सेन्ट्रल लाइब्रेरी व प्रशासनिक भवन से करीब ढाई हजार ऐतिहासिक किताबें, पाण्डुलिपियां, रामपुर का गजट, फर्नीचर बरामद हुआ जो जिले के राजकीय ओरिएन्टल कॉलेज यानी मदरसा आलिया से चोरी हुआ बताया जा रहा है। साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर से नवाबी दौर के दो शेर भी बरामद हुए जो कभी नवाबों के द्वारा जिले में बनवाए गए रामपुर क्लब के द्वार पर लगे हुए थे। रामपुर क्लब को तत्कालीन सपा सरकार में ध्वस्त कर अधिकारियों के लिए कम्पोजिट हास्टल बनाया गया था। यूनीवर्सिटी में सर्च ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने के आरोप में आजम के बेटे व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था लेकिन बाद में छोड़ दिया। इन मुद्दों पर प्रशासनिक व पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ गुरुवार को सपा मुखिया ने सपाईयों को आजम खां के समर्थन में सुबह रामपुर पहुंचने का आदेश दिया था। इसके मददेनजर पुलिस ने जिले की सीमाएं सील कर किसी भी सपाई को शहर में घुसने नहीं दिया। सपा कार्यालय पर सैकड़ों स्थानीय सपाई एकत्र हुए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भीड़ का नेतृत्व विधायक अब्दुल्ला आजम कर रहे थे जिन्हें १५० लोगों के साथ हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया।
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ताजा विवाद दो शेरों की मूर्तियों का है जो रामपुर क्लब से चोरी हुई थीं। ये मूर्तियां उस दौर की हैं जब रामपुर में नवाबों का शासन था। अब ये दोनों मूर्तियां जौहर यूनिवर्सिटी में पाई गईं। दूसरा विवाद मदरसा आलिया की किताबों का है। 1774 में इस मदरसे को खोला गया था। आजम के ट्रस्ट ने इसे लीज पर ले रखा है। यहां करीब 9 हजार अरबी, फारसी की बेशकीमती किताबें थीं जो दुनिया भर से मंगवाई गई थीं। इस मदरसे का फर्नीचर भी बेशकीमती था। 2001 में इस मदरसे को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और करोड़ों रुपए भी दिए गए। समय बीतने के साथ मदरसे की विरासत खोती गई और अब यहां आजम का ट्रस्ट स्कूल चलाना है। आरोप है कि बेशकीमती किताबें और फर्नीचर जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा दिया गया।
तीसरा विवाद जमीन से जुड़ा है। 78 हेक्टेयर में बनी यूनिवर्सिटी की 38 हेक्टेयर जमीन पर विवाद है। आरोप है कि इस जमीन को जबरन किसानों से ले लिया गया। आजम की अध्यक्षता वाला ट्रस्ट इस यूनिवर्सिटी को चलाता है। ट्रस्ट से जुड़ी लोग आजम परिवार के ही है।
दर्जनों मुकदमे
आजम खां के खिलाफ करीब 64 मुकदमे दर्ज हैं जिनमें से कई मुकदमे जमीनों से संबंधित हैं। उन्हें भूमाफिया घोषित कर दिया गया है। जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के अलावा आजम पर सिंचाई विभाग की जमीन पर भी कब्जे का आरोप है। रामपुर में आजम ने 'हमसफर रिजॉर्ट' बनवाया है। आरोप है कि इस रिजॉर्ट के लिए सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया। प्रशासन ने कुछ दिन पहले यूनिवर्सिटी के गेट तोडऩे के आदेश दिए थे। अब हमसफर रिसॉर्ट भी निशाने पर है। आजम पर अजीमनगर थाने में जमीन हड़पने को लेकर कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं।