Patanjali Ads Case: बाबा रामदेव को राहत, सुप्रीमकोर्ट में अवमानना मामला खत्म

Patanjali Ads Case: रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने कोरोना वैक्सीन अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को बदनाम किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-08-13 07:25 GMT

Baba Ramdev, Acharya Balakrishna  (photo: social media ) 

Patanjali Ads Case: भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने दोनों के माफीनामे को स्वीकार कर लिया है और इसके साथ ही अवमानना से जुड़ा यह केस बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव ने माफीनामा पेश कर भविष्य में भ्रामक विज्ञापन नहीं देने का वादा किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा - "हमने उनके (रामदेव, पतंजलि और बालकृष्ण) माफीनामे को स्वीकार कर लिया है। हमने उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी फिर ऐसा ना करें, जैसा इस मामले में हुआ है। इस मामले में दिये गये हलफनामे पर पूरी तरह से पालन किया जाये। बता दें कि रामदेव अदालत में मौजूद होकर इस मामले में पहले माफी मांग चुके हैं।

रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से पैरवी करने वाले वकील गौतम तलुकदार ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है।’ इससे पहले 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

क्या है मामला

यह मामला साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से दायर किया गया था। इसमें रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने कोरोना वैक्सीन अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को बदनाम किया है।

इस मामले में पतंजलि और रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी थी। अखबार में माफीनामा छपवाने का भी आदेश जारी हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इसके बाद किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। खासकर कंपनी द्वारा बनाए और मार्केट में लाए गए प्रोडक्ट्स के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित कोई अवहेलना नहीं होगी। साथ ही, किसी भी रूप में मीडिया में चिकित्सीय प्रभाव या चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ दावा करने वाले बयान जारी नहीं किए जाएंगे।शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड इस तरह के आश्वासन के लिए बाध्य है।।अपनेआश्वासन का पालन न करने और बाद में फर्म द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों से सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज हो गया था। इसके बाद कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।

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