बाटला हाउस कांड: अब आंतकी आरिज को होगी फांसी, पढ़िए एनकाउंटर की पूरी कहानी

बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। दिल्ली में हुए इस मामले में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जो कांड पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। आइये जानते है इस एनकाउंटर की पूरी कहानी।

Update:2021-03-15 19:00 IST
अब आंतकी आरिज को होगी फांसी

नई दिल्ली: आज से करीब 12 साल पहले हुए बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। दिल्ली में हुए इस मामले में कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जो कांड पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। आइये जानते है इस एनकाउंटर की पूरी कहानी।

जाने क्या है बाटला हाउस कांड

बाटला हाउस की कहानी शुरू होती है 13 सिंतबर 2008 के दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से। जिसमें 26 लोग मारे गए, जबकि 133 घायल हो गए थे। जांच के बाद दिल्ली पुलिस को पता चला कि इस ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था.

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बाटला हाउस पहुंची पुलिस

19 सितंबर 2008 की जब सुबह इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने लोधी कॉलोनी स्थित ऑफिस में मौजूद एसआई राहुल कुमार सिंह को कॉल किया और उन्हें आतिफ के एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में रहने की जानकारी दी। जिसके बाद उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीम बाटला हाउस पहुंच गई। वहीं राहुल सिंह अपने साथियों एसआई रविंद्र त्यागी, एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, सतेंद्र विनोद गौतम और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ एक प्राइवेट गाड़ी से रवाना हुए।

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जाने क्या हुआ उस दिन

एसआई धर्मेंद्र कुमार ने फोन कंपनी के सेल्समैन का लुक में अपनाया और फ्लैट में पहुंचकर गेट खटखटाया। वहीं बाकी पुलिस नीचे खड़ी थी। फिर इंस्पेक्टर शर्मा सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाने लगे तभी उन्होंने देखा कि यहां पर दो गेट भी है जिसके बाद उन्होंने एक दरवाजे को धक्का दिया और पुलिस वाले उसके अंदर चले गए। जहां पर उन्हें चार लड़के आतिफ अमीन, साजिद, आरिज और शहजाद नाम के लड़के मिले। दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं आरिज और शहजाद पप्पू दूसरे गेट से भागने में कामयाब रहे। और आतिफ अमीन और साजिद की गोली लगने से मौत हो गई।

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दो आतंकी गिरफ्तार

इसी बीच भाग रहे दोनों आतंकियों को पुलिस ने गिऱफ्तार कर लिया और वहीं इलाज के दौरान सुबह इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत हो गई। दिल्ली में हुए विस्फोटों के आरोप में पुलिस ने कुल 14 लोग गिरफ्तार किया। जिसके बाद मानवाधिकार संगठनों ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इसकी जांच की मांग की.2010 में पुलिस ने इंस्पेक्टर शर्मा की मौत के दोषी शहजाद अहमद को गिरफ्तार किया।

2013 में अदालत ने शहजाद को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं एनकाउंटर के दौरान आरिज खान घटनास्थल से भाग निकला था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद पुलिस ने आरिज खान को 14 फरवरी 2018 को पकड़ लिया था जिसके बाद से तब से उस पर मुकदमा चल रहा है। वहीं आज जाकर कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' केस मानते हुए आरिज को फांसी की सजा सुनाई और 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की रकम में से 10 लाख रुपये शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के परिवार को दिए जाने के आदेश दिए हैं।

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