Bengal Politics: शहीद दिवस रैली से सीएम ममता दिखाएंगी ताकत, भाजपा ने घेरा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप

Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी पार्टी के शहीद दिवस पर गुरुवार को कोलकाता में बड़ी रैली करने वाली है। इस रैली में करीब दस लाख लोगों की भीड़ जुटेने का लक्ष्य है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-20 08:33 GMT

West Bengal TMC Party CM Mamata Banerjee (image credit social media)

Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी पार्टी के शहीद दिवस पर गुरुवार को कोलकाता में बड़ी रैली करने वाली है। टीएमसी की ओर से इस रैली की जोरदार तैयारियां की जा रही हैं और पार्टी नेताओं का दावा है कि इस रैली में करीब दस लाख लोगों की भीड़ जुटेगी। ममता 1998 से ही 21 जुलाई को शहीद दिवस पर बड़ा कार्यक्रम करती रही हैं। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल रैली का आयोजन नहीं किया जा सका था। इस दौरान ममता ने वर्चुअल ढंग से इस कार्यक्रम को आयोजित किया था।

इस रैली को पार्टी के बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए ममता 2024 की सियासी जंग के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देंगी। ममता ने पहले ही इसे भाजपा के खिलाफ जिहाद दिवस बताकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। दूसरी ओर भाजपा ममता के इस कार्यक्रम पर बिखर गई है। पार्टी ने ममता के इस कार्यक्रम में सरकारी मशीनरी के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि टीएमसी के राजनीतिक कार्यक्रम को सरकारी कार्यक्रम बना दिया गया है।

भाजपा ने टीएमसी और सरकार को घेरा

ममता के इस कार्यक्रम को लेकर राज्य सरकार और कोलकाता प्रशासन की ओर से बड़ी तैयारियां की जा रही हैं। दूसरी और भाजपा इस आयोजन को लेकर हमलावर मुद्रा में दिख रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि शहीद दिवस पर टीएमसी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की पूरी तैयारियां सरकारी स्तर पर की जा रही हैं। सत्ता रूढ़ दल के सियासी कार्यक्रम को सरकारी कार्यक्रम बनाकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि रैली के इंतजाम में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया है। विभिन्न जिलों से भीड़ को ढोकर रैली स्थल तक लाने में सरकारी संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी दबाव बनाकर भीड़ जुटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को प्रदेशभर के अपराधी टीएमसी की कोलकाता रैली में जुटेंगे। ऐसे में प्रदेश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले ग्रामीण उस दिन निश्चिंत रह सकते हैं। भाजपा के अन्य नेताओं ने भी इस रैली के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी पर बड़े आरोप लगाए हैं।

2024 के लिए देंगी बड़ा संदेश

दूसरी ओर टीएमसी नेताओं का कहना है कि ममता इस रैली के जरिए 2024 की सियासी जंग के लिए हुंकार भरेंगी। टीएमसी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता इस रैली का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इस रैली के जरिए ममता 2024 की सियासी जंग का बड़ा संदेश देंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो साल बाद हो रहे इस आयोजन के प्रति पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है। 

ममता लंबे समय से 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने पर जोर देती रही है। मोर्चे के गठन के लिए वे विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुकी हैं। उनका कहना है कि भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। हालांकि ममता की कोशिशों के बावजूद अभी तक विपक्षी दल मोर्चा बनाने की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सके हैं।

रैली में दस लाख की भीड़ जुटने का दावा 

टीएमसी नेताओं की ओर से 21 जुलाई को होने वाली शहीद दिवस रैली की जोरदार तैयारियां की गई हैं। पार्टी नेताओं का दावा है कि इस रैली में करीब 10 लाख लोगों की भीड़ जुटेगी। टीएमसी की ओर से रैली स्थल पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाई जा रही है ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं को ममता का भाषण सुनने में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। टीएमसी कार्यकर्ताओं के कोलकाता पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है, इन कार्यकर्ताओं के रुकने के लिए विभिन्न स्टेडियमों और अन्य जगहों पर पार्टी की ओर से प्रबंध किए गए हैं। 

ममता की ताकत दिखाने की तैयारी

रैली में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए गुरुवार को सभी स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि रैली के दिन कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। रैली पर रोक लगाने की याचिका को कोलकाता हाईकोर्ट की ओर से पहले ही खारिज किया जा चुका है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि इस रैली के जरिए ममता एक बार फिर भाजपा और अन्य दलों को अपनी ताकत दिखाएंगी।

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