लखनऊ: रम, विस्की, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक हैं। मतलब शराब की एक ब्रांड जिसे अलग-अलग नाम दे दिया गया। शराब एक ऐसा तरल पदार्थ जिसे पिने के बाद आपको आनंद की अनुभूति होती है। ज्यादातर इसकी शुरूआत दोस्तों के प्रभाव या दबाव के कारण होती है। कुछ लोग अन्य कारणों से इसका सेवन जारी रखते है। जैसे- बोरियत मिटाने के लिए, खुशी मनाने के लिए, दुःख में, चिन्ता में, आत्मविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए आदि। शराब के समर्थक यह कहते सुने गए हैं कि देवता भी तो शराब पीते थे। सोमरस क्या था, शराब ही तो थी। प्राचीन वैदिक काल में भी सोमरस के रूप में शराब का प्रचलन था।
लेकिन इतने सारे फायदे होने के बाद भी इसको बैन करने की मांग अक्सर होती रहती है। भारत के कुछ राज्यों में तो इस पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है। जिसका सेवनकर्ता के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। वहीँ शराब पिने के बाद कुछ लोग इतने मदहोश हो जाते हैं की उन्हें सही गलत का कुछ अता पता ही नहीं होता। जिसके बाद शुरू होती है घरेलु हिंसा। घरेलु हिंसा की बात करें तो ज्यादातर इसका शिकार महिलाएं होती हैं।
महिलाओं के लिए खुलेंगी शराब की दुकाने-
वहीँ शराब बंदी की खबरों के बिच कमलनाथ सरकार महिलाओं को शराब का तोहफा देने जा रही है। कमलनाथ सरकार अब महिलाओं के लिए शराब के अलग आउटलेट खोलने की तैयारी में है। महिलाओं को स्पेशल अटेंशन देने के लिए सरकार ये कदम उठाने जा रही है। इन आउटलेटस में फीमेल फ्रेंडली शराब रखी जाएंगी। सभी आउटलेट मॉल में खोले जाएंगे। जिसकी प्लानिंग प्रदेश के बड़े शहरों में महिलाओं के लिए शराब के अलग से आउटलेट खोलने की है। सरकार राजधानी भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में महिलाओं के लिए शराब की दुकाने खोलने वाली है। नया वित्तीय वर्ष यानि अप्रैल 2020 में ये नये आउटलेट खुल जाएंगे। सभी दुकानें किसी आम बाज़ार में ना होकर मॉल में खोली जाएंगी। इन आउटलेट में वीमेन फ्रेंडली शराब रखी जाएगी जो आम शराब से महंगी होगी।
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दुकान खुलने से पहले शरू हो गया विरोध-
कमलनाथ सरकार के इस फैसले की सुगबुगाहट मिलते ही विपक्ष खेमे में इसका विरोध भी शुरू हो गया है। बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए शराब आउटलेट खोलना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। सारंग ने कहा मध्य प्रदेश की सरकार सिर्फ शराब परोसने में ज्यादा ध्यान दे रही है।
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