रेल यात्रियों के लिए बड़ी ख़ुशखबरी, गरीब रथ ट्रेन को लेकर हुआ ये फैसला
सभी रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार ने संसद में ट्रेनों में फ्लैक्सी किराए और गरीब रथ ट्रेन को लेकर सफाई दी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जवाब देते हुए कहा है कि फ्लैक्सी किराया योजना से रेलवे को अधिक आमदनी हुई है, साथ ही फ्लैक्सी किराए वाली गाड़ियों में यात्रियों की संख्या गैर फ्लैक्सी किराया अवधि की तुलना में बढ़ी है।
नई दिल्ली: सभी रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सरकार ने संसद में ट्रेनों में फ्लैक्सी किराए और गरीब रथ ट्रेन को लेकर सफाई दी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जवाब देते हुए कहा है कि फ्लैक्सी किराया योजना से रेलवे को अधिक आमदनी हुई है, साथ ही फ्लैक्सी किराए वाली गाड़ियों में यात्रियों की संख्या गैर फ्लैक्सी किराया अवधि की तुलना में बढ़ी है।
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इस वजह से इसे खत्म करने की योजना नहीं है। वहीं, इसके अलावा भारतीय रेलवे ने एक और खास फैसला लिया है। रेलवे ने साफ किया कि गरीब रथ ट्रेनों को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर रेलमार्गों पर गरीब रथ रेलों को मेल या एक्सप्रेस ट्रेन से रिप्लेस करने के फैसले को वापस ले लिया। इसी के साथ कम किराए वाली वातानुकूलित ट्रेन (गरीब रथ) की सेवाएं इन मार्गों पर 4 अगस्त से दोबारा शुरू हो जाएंगी।
रेलवे मंत्रालय ने कहा कि उत्तर रेलवे में डिब्बों की कमी के कारण गरीब रथ की साप्ताहिक चलने वाली दो जोड़ी ट्रेनों को अस्थाई तौर पर एक्सप्रेस सेवा के तौर पर चलाया जा रहा है।
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पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि नौ सितंबर 2016 से राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो गाड़ियों में फ्लैक्सी किराया का विचार शुरू किया गया। इसके बाद विभिन्न पक्षों से मिले फीडबैक के आधार पर फ्लैक्सी किराया योजना की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई।
गोयल के अनुसार, समिति की सिफारिशों के आधार पर जांच करने के बाद 15 मार्च 2019 से प्रयोग के तौर पर फ्लैक्सी किराया योजना को युक्तिसंगत बनाया गया।
इसके तहत फ्लैक्सी किराया योजना को 15 गाड़ियों से पूरी तरह और 32 गाड़ियों से तीन महीने की पूर्व निर्धारित कम व्यस्त अवधि के दौरान समाप्त कर दिया गया। उन्होंने बताया साथ ही सभी फ्लैक्सी किराया वाली श्रेणियों में लागू फ्लैक्सी किराया योजना की अधिकतम सीमा 1.5 गुना से घटा कर 1.4 गुना तक कर दिया गया है।
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क्या होता है फ्लैक्सी किराया योजना
भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है। इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है। ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है। वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं। अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था।
बता दें कि ट्रेन में फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है। इसमें शुरुआत में पहली 10 फीसदी सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद प्रत्येक 10 फीसदी बर्थ की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी जाती है। मांग के आधार पर इसमें अधिकतम 50 फीसदी तक किराया बढ़ता है।
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सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम 50 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। वहीं थर्ड एसी के लिए यह सीमा 40 फीसद अधिक होती है।
अन्य चार्जेस जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में बदलाव नहीं होता है। फ्लेक्सी फेयर स्कीम को 9 सितंबर, 2016 को 44 राजधानी, 46 शताब्दी और 52 दुरंतो (प्रीमियम सुपरफास्ट कैटिगरी) ट्रेनों के लिए लागू किया गया था।