आखिर क्यों बढ़ता ही जा रहा है बर्ड फ्लू, क्या हैं ताजा हालात और सरकार की तैयारी
बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के अनुसार भारत कई प्रवासी पक्षियों के लिए एक केंद्र का काम करता है। अपनी उड़ान के बीच पक्षी भारत को अपनी आवाजाही के लिए इस्तेमाल करते हैं।
नई दिल्ली: देश के अंदर बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यूपी समेत देश के 7 राज्यों में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
पक्षियों की लगातार हो रही मौत और बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए हरियाणा, केरल मध्य प्रदेश, पंजाब समेत कई राज्यों में मुर्गियों को मारने का आदेश जारी कर दिया गया है।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी है। सभी राज्यों को सतर्कता बरतने को कहा गया है। राज्य सरकारों की तरफ से सभी एहतियाती कदम भी उठाये जा रहे हैं लेकिन बर्ड फ्लू का खतरा कम होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
तो आइए जानते हैं बर्ड फ्लू का खतरा क्यों दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, आज देश में किस तरह के हालात हैं और इससे निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी है।
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एवियन इनफ्लुएंजा या बर्ड फ्लू क्या है ?
बर्ड फ्लू तेजी से फैलने वाली वायरल बीमारी है जो इनफ्लुएंजा टाइप ए वायरस के कारण होती है। यह वायरस सामान्यर तौर पर पोल्ट्री पक्षी जैसे मुर्गी और टर्की को संक्रमित करता है।
ये पक्षी ही इस वायरस के कूरियर होते हैं, यानी वायरस को दूर तक पहुंचाने के जिम्मेदार बनते हैं। इनके कारण ही पूरे महाद्वीप में उड़ने वाले समुदाय में संक्रमण फैल जाता है।
इस वायरस के कई स्ट्रेन है जिनमें से कई मामूली सा असर डालते हैं। इनका प्रभाव होने से अंडा उत्पादन की गति कम हो जाती है या चिकन में मामूली से लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि कुछ वायरस गंभीर और जानलेवा भी होते हैं, जिनके कारण बड़ी तादाद में पक्षियों की मौत हो जाती है।
कैसे फैलता है बर्ड फ्लू?
कुछ पक्षियों जैसे कि बत्तख और हंस या फिर पानी में रहने वाले अन्य पक्षियों में इनफ्लुएंजा टाइप ए वायरस प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है।
यही पक्षी वायरस को जिंदा रखने का काम करते हैं। कई प्रकार के पक्षी इस वायरस के बावजूद बीमार नहीं पड़ते, हालांकि वे अपने मल के जरिए इस वायरस को फैला देते हैं।
पक्षी उड़ते समय भी मल उत्सर्जित कर देते हैं, ऐसे में वे इनफ्लुएंजा वायरस का छिड़काव करते रहते हैं। यही कारण है कि भारत में कौवे इस वायरस से संक्रमित हो गए।
कुछ अन्य पक्षी जो मल खाते हैं वे भी इस वायरस की चपेट में आकर बीमार हो जाते हैं और वे भी बीमारी फैलाने लगते हैं। ऐसा कम होता है कि यह वायरस पक्षी से होकर स्तनधारियों तक जा पहुंचे और इससे सुअर, बिल्ली और कुत्ते बीमार हो जाएं।
भारत में कौन-कौन से राज्य प्रभावित हैं?
उत्तर प्रदेश के अलावा जिन अन्य छह राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, उनमें केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात शामिल हैं।
हिमाचल के कांगड़ा में पोल्ट्री प्रोडक्ट और मछली बेचने पर प्रतिबंध लगाकर अलर्ट जारी कर दिया है। राजस्थान के झालावाड़ और बारां जिले में प्रभावित इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। केरल के दोनों जिलों में करीब 38,000 बत्तखों को चुनकर मारा जा चुका है।
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आखिर कम होने की बजाए क्यों बढ़ता ही जा रहा है बर्ड फ्लू
बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के अनुसार भारत कई प्रवासी पक्षियों के लिए एक केंद्र का काम करता है। अपनी उड़ान के बीच पक्षी भारत को अपनी आवाजाही के लिए इस्तेमाल करते हैं।
इस तरह भारत पक्षियों की बीमारियों के लिए एक जैविक हॉट स्पॉट बन जाता है। यूरोप, रूस और मंगोलिया देशों की यात्रा के दौरान पक्षियों की करीब 370 प्रजातियां भारत आती जाती हैं।
इस बार बीमारी साइबेरिया, मंगोलिया, चीन और अन्य मध्य एशिया देशों से आई है। जब तक प्रवासी पक्षियों के आने पर रोक नहीं लगेगी। तब तक बर्ड फ्लू को पूरी तरह से काबू करना मुश्किल साबित होगा।
भारत के अलावा अन्य कौन से देश प्रभावित हुए हैं?
पिछले कुछ हफ्तों में एवियन इनफ्लुएंजा ने यूरोप के करीब 10 देशों नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेलजियम, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क, स्वीडन, पोलैंड, क्रोएशिया और यूक्रेन को प्रभावित किया है।
यह जानकारी यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने जारी की है। इनके अलावा दक्षिण कोरिया और जापान में भी केसेस सामने आए हैं। फ्रांस ने करीब 6 लाख पोल्ट्री बर्ड को मार दिया है ताकि वह संक्रमण रोक सके। बर्ड फ्लू के बाद जर्मनी ने 62,000 टर्की और बत्तखों को मार दिया है।
बर्ड फ्लू इंसानों को कैसे संक्रमित कर सकता है?
भारत में अभी तक मानव संक्रमण की सूचना नहीं है। हालांकि मानव में संक्रमण के कम्बोडिया, चीन, विएतनाम और लाओ पीडीआर में अब तक 239 मामले सामने आ चुके हैं।
1997 में हांगकांग के लाइव बर्ड मार्केट में बर्ड फ्लू फैलने के बाद मानव संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। इसमें एच5एन1 वायरस की पुष्टि हुई थी और कुल 18 संक्रमित मानवों में से 6 की मौत हो गई थी।
इसके कुछ साल बाद यह वायरस फिर से लौटा और दुनिया भर के कई हिस्सों में इसका असर रहा। इससे प्रभावित पक्षी के संपर्क में आने से यह मानव में भी फैला।
डब्ल्यूएचओ की माने तो यह मानव से मानव में नहीं फैलता है। अच्छे से तैयार और पके हुए पोल्ट्री मांस से इसके फैलने के कोई प्रमाण नहीं हैं।
क्या है सरकार की तैयारी?
केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करके सतर्कता बरतने को कहा गया है। इसके अलावा पशुपालन और डेयरी विभाग ने एक कंट्रोल रूम बनाया है, जहां रोजाना आधार पर प्रदेशों से बर्ड फ्लू की स्थिति और किए जा रहे रोकथाम के उपायों का जायजा लिया जा रहा है।
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