BJP- AIADMK Alliance: तमिलनाडु में फिर होगा भाजपा- अन्नाद्रमुक का गठबंधन, शाह से पलानीस्वामी की मुलाकात के बाद अटकलें तेज

BJP- AIADMK Alliance: तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है मगर उससे पहले भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच एक बार फिर गठजोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं।;

Update:2025-03-26 12:49 IST

BJP- AIADMK Alliance

BJP- AIADMK Alliance: तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है मगर उससे पहले भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच एक बार फिर गठजोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं। अन्नाद्रमुक के नेता पलानीस्वामी की मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद इन अटकलों को तेजी मिली है। इस मुलाकात के दौरान अन्नाद्रमुक के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।

भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच पहले भी तमिलनाडु में गठबंधन रहा है मगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व सितंबर 2023 में दोनों दलों के बीच गठबंधन टूट गया था। अब दोनों दलों के बीच एक बार फिर नजदीकी बढ़ रही है और माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दल मिलकर द्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन को चुनौती दे सकते हैं।

इस कारण टूट गया था दोनों दलों का गठबंधन

जानकार सूत्रों के अनुसार अन्नाद्रमुक के नेता पलानीस्वामी ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया।

अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच गठबंधन टूटने के पीछे भाजपा के राज्य नेतृत्व के साथ अन्नाद्रमुक नेताओं के मतभेद को बड़ा कारण माना गया था। गठबंधन तोड़ते समय अन्नाद्रमुक नेताओं की ओर से इसका उल्लेख भी किया गया था।

दरअसल भाजपा की तमिलनाडु की इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई के आक्रामक रुख को लेकर अन्नाद्रमुक के नेता नाराज थे। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात के दौरान इस बाबत अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी।

अन्नाद्रमुक के नेताओं ने द्रविड़ नेता सी.एन.अन्नादुरई पर टिप्पणी को लेकर अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। वैसे अब अन्नामलाई का रुख भी बदल चुका है और उन्होंने अन्नाद्रमुक के प्रति अपना तेवर नरम बना लिया है। ऐसे में दोनों दलों के बीच फिर गठबंधन की संभावना पैदा हो गई है।

पहले मिल चुका है गठबंधन का संकेत

तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख अन्नामलाई ने हाल में दावा किया था कि राज्य में उनकी पार्टी का प्रभाव काफी बढ़ रहा है और इसी कारण 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की पूछ बढ़ गई है। बढ़ते प्रभाव ने पार्टी को गठबंधन का वांछित सहयोगी बना दिया है। इस महीने की शुरुआत में अन्नाद्रमुक नेताओं की ओर से भी भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया गया था।

अन्नामलाई की टिप्पणी अन्नाद्रमुक नेताओं के इस रुख के बाद सामने आई थी। वैसे यह जानकारी भी सामने आई है कि अन्नाद्रमुक नेताओं की ओर से अन्नामलाई की भूमिका को सीमित करने का अनुरोध किया गया है।

स्टालिन के आरोपों को भाजपा ने खारिज किया

इस बीच तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से हिंदी को थोपने के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित तीन भाषा नीति का मकसद छात्र-छात्राओं को कई भाषाएं सीखने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि स्टालिन का यह आरोप पूरी तरह गलत है कि मोदी सरकार की ओर से हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है।

इस पूरे प्रकरण को स्टालिन ने गलत तरीके से सबके सामने पेश किया है और इसके जरिए उनका गुप्त एजेंडा सामने आ गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के नीति नोट का हवाला देते हुए अन्नामलाई ने बताया कि तमिलनाडु सरकार की ओर से खुद संस्कृत और अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए धन आवंटित किया गया था मगर अब सरकार हिंदी समेत दूसरी भाषाओं को थोपने का आरोप लगा रही है।

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