भाजपा-कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांगी 7 दिनों की मोहलत, मोदी-राहुल की हुई थी आयोग में शिकायत
आचार संहिता के उल्लंघन का है मामला, दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों के खिलाफ हुई थी शिकायत, 18 नवंबर को दोपहर एक बजे तक मांगा था जवाब
18 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर और 7 दिनों का वक्त मांगा हैं। दरअसल, दोनों पार्टियों को चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए पत्र का सोमवार 18 नवंबर को दोपहर एक बजे तक जवाब देना था। पत्र में दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से दोनों दलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ कराई गई शिकायतों पर टिप्पणी देने को कहा गया है।
आयोग ने भाजपा अध्यक्ष नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को अलग-अलग पत्रों में उनसे महाराष्ट्र और झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनावों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और कई अन्य राज्यों में उपचुनावों के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के कथित उल्लंघन पर टिप्पणी करने को कहा। दोनों दलों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने 18 नवंबर दोपहर 1 बजे तक उनसे जवाब मांगा है। आयोग ने पार्टी प्रमुखों को लोकसभा चुनावों के दौरान जारी की गई अपनी एडवाइजरी की भी याद दिलाई, जिसमें पार्टियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया था कि उनके स्टार प्रचारक सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखें और प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन करें।
कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में चुनाव आयोग ने कहा था कि आयोग को भारतीय जनता पार्टी की ओर से 11 नवंबर को एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों और कई उपचुनावों के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारकों द्वारा आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। मुझे भारतीय जनता पार्टी, एक राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, जिसका उल्लेख ऊपर किया गया है, द्वारा की गई 11 नवंबर की शिकायत की एक प्रति संलग्न करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि आप अपनी टिप्पणियाँ 18 नवंबर को दोपहर 1 बजे तक आयोग को भेजें।
कांग्रेस-भाजपा ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग में की थी शिकायत
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने 11 नवंबर को चुनाव आयोग ने नेता विपक्ष और कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गाँधी की शिकायत की थी। भाजपा ने राहुल गॉंधी के उस दावे को लेकर शिकायत की थी जिसमें राहुल गॉंधी ने कहा था कि, " भाजपा संविधान को खत्म करना चाहती है।"
वहीं, 13 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की शिकायत करने चुनाव आयोग की पास पहुंची थी और आरोप लगाया कि दोनों भाजपा नेता चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने X पर पोस्ट लिख कर कहा था कि महाराष्ट्र और झारखंड में दिए गए उनके विभाजनकारी, झूठे और दुर्भावनापूर्ण भाषणों के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग से कांग्रेस पार्टी ने की शिकायत। हमने आयोग से भाजपा और उसके नेताओं के चुनावी उल्लंघनों की जांच करने के लिए कहा है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग इन शिकायतों पर उतनी ही तत्परता से कार्रवाई करेगा जितनी उन्हें चाहिए।