Rajasthan Politics: राजस्थान में पार्टी के खेवनहार बनेंगे अर्जुन मेघवाल, बीजेपी ने एक तीर से साधे कई निशाने

Rajasthan Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को हटाकर उनकी जगह सांसद अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा है। इस एक फैसले से बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

Update: 2023-05-19 10:54 GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किरेन रिजिजू को हटाकर अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्रालय सौंपा है।

Rajasthan Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को हटाकर उनकी जगह सांसद अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा है। किरेन रिजिजू को हटाने की वजह सिर्फ न्यायपालिका पर की गई उनकी टिप्पणी नहीं है, बल्कि बीजेपी की मास्टर स्ट्रोक है। इस एक फैसले से बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। एक ओर जहां न्यायपालिका से टकराव पर लगाम लगाने के संकेत दिये हैं वहीं, आगामी राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए पुख्ता दांव चल दिया है।

अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्री बनाकर बीजेपी ने जहां राज्य के 16 फीसदी दलितों को साथ जोड़ने का प्लान बनाया है वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पार्टी अब किसी एक चेहरे के साथ आगे बढ़ने का जोखिम नहीं ले सकती है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार राजस्थान के चुनाव में वसुंधरा राजे बीजेपी की सीएम चेहरा नहीं होंगी। भारतीय जनता पार्टी ने अभी से इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

इस बार राजस्थान में कमल खिलाने की तैयारी

200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं। राजस्थान की पॉलिटिक्स में 16 फीसदी दलित वोटरों की भूमिका काफी अहम है। वह भी इनमें 60 फीसदी संख्या मेघवालों की है। राज्य की करीब एक चौथाई यानी 50 विधानसभा सीटों पर दलित आबादी हार-जीत के समीकरण तय करती है। अब बीजेपी की कोशिश दलित बाहुल्य वाली सीटों पर कमल खिलाने की है। बात करें राज्य में 34 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 25 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। 34 सुरक्षित सीटों में से 19 पर कांग्रेस और 12 पर बीजेपी का कब्जा है।

दलित ही बनाते हैं सरकार!

राजस्थान के बीते तीन विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि राज्य में जिस भी दल ने एससी और एसटी की ज्यादा सीटें जीती हैं, सरकार भी उसी की ही बनी है। वैसे तो राजस्थान में दलित वोटर्स को भाजपा का परम्परागत वोट बैंक माना जाता रहा है। लेकिन, पिछले चुनाव में यह बंट गया था। नतीजन बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई। राजस्थान में आज भी बड़ी संख्या में दलित और खासकर मेघवाल कांग्रेस के साथ हैं। ऐसे में बीजेपी ने अर्जुन मेघवाल को केंद्रीय कानून मंत्री बनाकर राजस्थान में जातीय संतुलन साधने की कोशिश की है। मेघवाल को आगे बढ़ाकर बीजेपी मजबूत दलित चेहरे की कमी को पूरा करना चाहती है।

अर्जुन मेघवाल: बीजेपी का नया दलित चेहरा

अर्जुन मेघवाल बीजेपी का नया दलित चेहरा बनकर उभरे हैं। सबसे पहले चर्चा में वह उस वक्त आये थे जब मंत्री पद की शपथ लेने के लिए वह साइकिल से संसद पहुंचे थे। 2014 में उन्हें लोकसभा में मुख्य सचेतक बनाया गया था। 2016 में वह नरेंद्र मोदी की सरकार में वित्त राज्यमंत्री बने। कुछ ही दिनों बाद मंत्रिमंडल विस्तार में उनका कद बढ़ाकर संसदीय कार्य, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया। अर्जुन मेघवाल की ताकत उनकी सादगी और लंबा प्रशासनिक अनुभव है।

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार टला!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किरेन रिजिजू को हटाकर अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्रालय सौंपा है। साथ ही कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल का भी विभाग बदल दिया गया है। उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया है। इसी के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरों पर भी अकटलें लग गई हैं। पहले अटकलें थीं मई में मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। फिलहाल, मंत्रिमंडल विस्तार जुलाई तक टल सकता है।

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