Jharkhand Election Result 2024: झारखंड में भाजपा को झटका- हेमंत फैक्टर ने इंडिया अलायन्स को दिलाई जीत
Jharkhand Election Result 2024: झारखण्ड विधानसभा चुनाव के नतीजों में हेमंत सोरेन की सरकार फिर से बनती हुई दिखाई दे रही है।
Jharkhand Election Result 2024: इस साल की शुरुआत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद निराश झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए एक हैरतंगेज वापसी की है। एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को धता बताते हुए, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा तीसरी बार सरकार बनाने जा रहा है 2019 के विधानसभा चुनाव में, झामुमो – कांग्रेस - राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन ने 47 सीटें जीतीं थीं। झामुमो ने अपने दम पर 30 सीटें जीतीं, जबकि 2014 में उसे 19 सीटें मिली थीं। भाजपा 81 में से केवल 25 सीटें ही जीत पाई।
घुसपैठियों का मुद्दा
इस बार झारखण्ड में चुनाव अभियान काफी आक्रामक रहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह सहित भाजपा नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर हमला करने के लिए बांग्लादेश से घुसपैठ का बार बार मुद्दा उठाया। भाजपा ने चुनावी रैलियों में बार-बार कहा कि झारखंड की 'माटी, बेटी और रोटी' खतरे में है क्योंकि 'घुसपैठिए' आदिवासियों से जल, ज़मीन और जंगल छीन रहे हैं।
झामुमो की वेलफेयर योजनायें
दूसरी तरफ झामुमो ने अपने प्रचार अभियान को अपनी कल्याणकारी योजनाओं, खासकर मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना और आदिवासी अस्मिता (आदिवासी गौरव) पर केंद्रित किया। मैया सम्मान योजना पात्र महिला लाभार्थियों को प्रति माह 1,000 रुपये प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। झामुमो की जीत के पीछे महिला मतदाताओं का मजबूत समर्थन भी रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार 81 में से 68 सीटों पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया।
चुनाव पूर्व झटके
चुनाव से पहले झामुमो के लिए स्थिति अच्छी नहीं रही, जिसमें हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया और कई दलबदल हुए, जिसमें उनकी भाभी सीता सोरेन का भाजपा में शामिल होना भी शामिल है।
31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले ही सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को राज्य की कमान सौंपी गई। हालांकि, हेमंत को हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जुलाई में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। हालांकि, इस कदम से चंपई सोरेन नाराज हो गए और आखिरकार विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया और नेताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे झामुमो ने एक आदिवासी नेता का अपमान किया। हालांकि, मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर हुए नाटक के बाद सहानुभूति बटोरने के लिए झामुमो ने चुनाव को हेमंत सोरेन बनाम भाजपा बना दिया। झामुमो द्वारा इसे एक आदिवासी नेता के उत्पीड़न के रूप में पेश किया जा रहा था। बहरहाल, तमाम आरोपों के बावजूद हेमंत सोरेन फैक्टर काम आ ही गया और झारखण्ड में उनकी शानदार वापसी हुई है।