अभियान : इस मानसून में जल संरक्षण का बड़ा इम्तेहान

Update:2019-07-06 13:01 IST
अभियान : इस मानसून में जल संरक्षण का बड़ा इम्तेहान

नई दिल्ली: इस मानसून के दौरान देन श में जल संरक्षण का बड़ा इम्तेहान होने वाला है। जल संरक्षण के लिए पहले भी ढेरों योजनाएं चलाई जा चुकी हैं लेकिन इस बार एक समयबद्ध अभियान के रूप में यह काम किया जा रहा है। यह अभियान पूरे मानसून के दौरान ढाई सौ से ज्यादा जिलों में चलेगा। ये जिले पानी की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। केंद्र से टीमें अलग-अलग जिलों में भेजी गईं हैं। इन टीमों को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा निर्धारित पांच जल संरक्षण बिंदु सुनिश्चित करने का काम सौंपा जाएगा।

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अभियान के अंतर्गत देश के 256 जिलों के अधिक प्रभावित 1592 खंडों पर जोर दिया जाएगा। यह अभियान दो चरणों में चलेगा-1 जुलाई से 15 सितंबर, 2019 तक तथा 1 अक्टूबर से 30 नवंबर, 2019 तक।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना और जल संसाधनों की कमी और भारत में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराना है। जल शक्ति अभियान पेयजल और स्वच्छता विभाग के सहयोग से विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों का एक सहयोगात्मक प्रयास है। जल शक्ति मंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य हर घर में प्राथमिकता से टिकाऊ तरीके से पीने का पानी उपलब्ध कराना है। जल संरक्षण अभियान को जल संरक्षण के लिए लोगों में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए। पीएम द्वारा हाल ही में 2.3 लाख से अधिक सरपंचों को लिखे पत्र के प्रभाव का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि यह लोगों को वर्षा जल संचयन, तालाबों और गांवों की टंकियों के रखरखाव और पानी के संरक्षण के लिए काम करने में मदद करेगा।

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रेनवाटर हार्वेस्टिंग

वर्षा जल संचयन की बातें दशकों से की जा रही हैं। २००१ में दिल्ली की सभी इमारतों में वर्षा जल संचयन सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया था लेकिन सुप्रीमकोर्ट व नीति आयोग तक की इमारतों में ही ये सिस्टम नहीं लगा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा भी था कि देश में मात्र ८ फीसदी वर्षा जल बचाया जाता है।

सरकार की निगाह में जल संचयन में मनरेगा की भूमिका बेहतर होगी, इसलिए मनरेगा के बजट से तालाबों की खुदाई करने को कहा गया है। इसके अलावा अगर गांव की जल निकासी को सीधे मनरेगा तालाबों की तरफ मोड़ दिया जाएगा तो यह अच्छी पहल होगी जहां बरसात का पानी संरक्षित होगा। इसके अलावा इसका उपयोग कृषि के लिए बेहतर हो सकता है। मनरेगा योजना पंचायतों की सक्रियता से जल संरक्षण में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। सरपंचों के साथ पंचायतें जल संरक्षण को लेकिर अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। मंत्रालय ने जिलों में स्थापित वाटर टैंकों के साथ पाइप लाइन की लंबाई का आंकड़ा भी मांगा है। ग्राम पंचायत स्तर बैठक कर खाका तैयार करने के लिए कहा गया है।

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