CBI ने NEET पेपर लीक केस में एक और आरोपी को धनबाद से दबोचा, अब खुलेगा राज
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए धनबाद से एक आरोपी अमन सिंह को गिरफ्तार किया है।
NEET Paper Leak: राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (NEET-UG) प्रश्नपत्र लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को आज यानि गुरुवार को एक और बड़ी सफलता मिली है। सीबीआई ने नीट पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया के करीबी चिंटू और मुकेश से मिली जानकारी के बाद एक और आरोपी अमन सिंह को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि अमन सिंह, पेपर लीक कांड में फरार रॉकी का बेहद खास है। रॉकी, संजीव मुखिया का भांजा है, जो रांची में होटल कारोबार से जुड़ा हुआ है।
अमन सिंह की गिरफ्तारी से खुलेगा राज
संजीव मुखिया के भांजे रॉकी ने पेपर लीक के बाद उसका जवाब तैयार करने के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ किया था। रॉकी, झारखंड में संजीव मुखिया गिरोह का मुख्य सदस्य है। रांची और पटना के मेडिकल छात्रों को सॉल्वर्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया। जानकारी के मुताबिक, अमन सिंह की गिरफ्तारी से रॉकी और सॉल्वर्स के बारे में कई मुख्य जानकारी मिल सकती है।
अब तक सात आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
नीट पेपर लीक मामले में सीबाआई के द्वारा यह सातवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले सीबाआई ने रविवार (30 जून) को गुजरात के गोधरा जिले में एक प्राइवेट स्कूल के मालिक को गिरफ्तार किया था जो इस मामले में छठवीं गिरफ्तारी थी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को कथित तौर पर पेपर लीक में शामिल झारखंड में सक्रिय मॉड्यूल के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, इसके बाद ही अमन सिंह को दबोचा गया है।
जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने इससे पहले हजारीबाग में स्थित ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और कथित तौर पर नीट परीक्षार्थियों को ठहरने के लिए वह फ्लैट उपलब्ध कराने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, जहां से बिहार पुलिस ने जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए थे। सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार में दर्ज प्राथमिकी पेपर लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकी परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
सीबीआई ने पेपर लीक मामले में शनिवार (29 जून) को झारखंड के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम जमालुद्दीन अंसारी है, जो राज्य में एक हिंदी समाचार पत्र के लिए काम करता है, अधिकारियों ने कहा कि उसे प्रिंसिपल एहसानुल हक और वाइस की मदद करने की कोशिश करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।