नई दिल्ली: CBSE ने मंगलवार (29 मई) को 10वीं के रिजल्ट भी जारी कर दिए हैं। ऐसे में जहां कई बच्चों का रिजल्ट बहुत अच्छा आया है तो वही कई बच्चे ऐसे भी हैं, जिनका रिजल्ट उनकी उम्मीद से भी कम आया है। इस तरह उन स्टूडेंट्स के मन में एक डर बैठ जाता है कि आगे क्या होगा या घरवाले क्या कहेंगे।
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इसलिए कई बार स्टूडेंट्स डिप्रेशन का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का काम है कि वो बच्चों की देखभाल के साथ उन्हें आगे के लिए प्रोत्साहित भी करें ताकि बच्चा कभी डिप्रेशन का शिकार न हो और आने वाले समय में बेहतरीन प्रदर्शन भी कर सके। इसलिए पेरेंट्स को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
खराब रिजल्ट पर कभी न डांटें
जब भी बच्चे का रिजल्ट ख़राब हो जाए तो उसे डांटने की बजाय प्यार से समझाएं और ये जानने की कोशिश करें कि आखिर बच्चे से गलती कहां हुई कि उसके नंबर कम हो गए। ख़राब रिजल्ट आने पर डांटना इसलिए नहीं चाहिए क्योंकि बोर्ड या किसी भी क्लास का रिजल्ट बच्चे के करियर की आखिरी सीढ़ी नहीं होता।
रिजल्ट से पहले न करें एडमिशन की बात
कई बार होता है कि रिजल्ट डेट आने से कुछ दिन पहले से पेरेंट्स एडमिशन की बात करने लग जाते हैं। तब अक्सर इस बारे में बात होती है कि अगर नंबर अच्छे आएंगे तभी किसी अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिलेगा। ध्यान रहे कि रिजल्ट आने से पहले बच्चे से ऐसी बातें न ही करें क्योंकि इस चीज का भी बच्चों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है।
कभी न दें लेक्चर
नंबर ख़राब आने पर कभी भी बच्चे को लेक्चर या उपदेश न दें। रिजल्ट ख़राब आने के बाद बच्चे से ये कभी न कहें कि तुमको और मेहनत करनी चाहिए थी। इससे बच्चा सिर्फ निराश ही होता है। इसके अलावा रिजल्ट ख़राब आने पर कभी भी बच्चे को उसकी पिछली गलतियों को लेकर भी कुछ बोलने की जरुरत नहीं है।
किसी और से न करें तुलना
हमेशा ध्यान रखें कि हर बच्चा अलग होता है। इसलिए कभी बच्चे की तुलना उसके दोस्तों या भाई-बहनों से नहीं करनी चाहिए क्योंकि जो खूबी आपके बच्चे में है, वो किसी और में नहीं। हर बच्चा टैलेंटेड और अलग है। इसलिए हर बच्चे को डील करने का तरीका भी अलग होता है।