Sonia Gandhi: जनगणना में पहली बार 4 साल से ज्यादा की देरी हो रही, सोनिया गांधी ने राज्यसभा में PM मोदी पर साधा निशाना

Sonia Gandhi: राज्यसभा में मोदी सरकार को घेरते हुए सोनिया गाँधी ने जनगणना जल्द कराने की मांग उठाई है।;

Newstrack :  Network
Update:2025-02-10 12:40 IST

Sonia Gandhi

Sonia Gandhi: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है ताकि सभी पात्र नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गारंटीकृत लाभ मिल सके। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

उन्होंने याद दिलाया कि 2013 में यूपीए सरकार द्वारा लागू किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम देश के 140 करोड़ लोगों के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल थी। यह कानून विशेष रूप से गरीब और वंचित तबकों के लिए लाभकारी साबित हुआ और कोविड-19 महामारी के दौरान इसने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को भी इसी कानून का आधार मिला।

14 करोड़ लोग अपने अधिकार से वंचित हैं 

सोनिया गांधी ने बताया कि इस अधिनियम के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार है। हालांकि, वर्तमान में लाभार्थियों की संख्या 2011 की जनगणना के आधार पर तय की जा रही है, जो अब एक दशक से अधिक पुरानी हो चुकी है। उन्होंने चिंता जताई कि इस कारण लगभग 14 करोड़ पात्र नागरिक अपने उचित लाभों से वंचित हो रहे हैं।

सोनिया गांधी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हो रही है। 2021 में प्रस्तावित जनगणना अब तक नहीं हो पाई है और बजट आवंटन से भी संकेत मिलते हैं कि यह इस वर्ष भी नहीं होगी। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता दे और जल्द से जल्द जनगणना पूरी करे ताकि सभी योग्य नागरिकों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गारंटीकृत लाभ मिल सके।

गांधी ने कहा, "खाद्य सुरक्षा किसी सरकार की कृपा नहीं, बल्कि एक मौलिक अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी पात्र लोगों को इस कानून के तहत पूरा लाभ दिलाए।" उनकी इस मांग का विपक्षी दलों ने भी समर्थन किया और केंद्र सरकार से इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

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