पराली जलाने पर दोगुनी हुई पेनॉल्टी, SC की सख्ती के बाद सरकार का फैसला, अब इतना लगेगा जुर्माना
Supreme Court: पिछले महीने कोर्ट ने पराली जलाने से प्रभावित राज्य सरकारों को कम जुर्माना लगाने पर फटकार लगाई थी। जिसके बाद अब केंद्र सरकरा ने सख्त फैसला लिया है।
Fine on Burning Stubble: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर पेनाल्टी दोगुनी कर दी है। पिछले महीने कोर्ट ने पराली जलाने से प्रभावित राज्य सरकारों को कम जुर्माना लगाने पर फटकार लगाई थी। जिसके बाद अब केंद्र सरकरा ने सख्त फैसला लिया है। नए फैसले के मुताबिक दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 5,000 रुपये, 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30,000 रुपये जुर्माना देना होगा।
अब 30,000 तक जुर्माना
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी। अब केंद्र सरकार ने इस मामले पर कड़ा फैसला लेते हुए जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है। नए नियमों के अनुसार अब 30,000 तक जुर्माना देना पड़ सकता है। यह नियम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में लागू किया गया है। इस नियम को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत संशोधित किया गया है। इसकी धारा 25(2)(h) के हवाले से केंद्र सरकरा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग संशोधन नियम 2024 के रूप में पारित किया है। इस नियम को पराली जलाने के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का अधिरोपण, संग्रहण और उपयोग के अंतर्गत रखा गया है।
कोर्ट ने लगाई थी फटकार
दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते दिन दिल्ली का एक्यूआई 352 था। दिल्ली में प्रदूषण का प्रमुख कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जालने को माना जाता है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग को पराली जलाने के मामले में बढ़ोतरी होने पर राज्य सरकार के अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही आदेश का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए महज एक सप्ताह का वक्त दिया है। कोर्ट की सख्ती के बाद अब केंद्र सरकार ने भी जुर्माना बढ़ा दिया है। इस फैसले से पराली जलाने के मामलों में कमी की उम्मीद की जा रही है।