Chardham Yatra 2024: मांगलिक स्वर लहरियों के बीच खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

Chardham Yatra 2024: रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए। इससे पहले 10 मई को यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे।

Update:2024-05-12 07:50 IST

Badrinath Dham (Pic:Social Media)

बदरीनाथ (चमोली)। मांगलिक स्वर लहरियों के बीच भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को खुल गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। कपाट खुलते ही धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तीर्थयात्रियों को धाम के कपाट खुलने की शुभकामनाएं दी।

हल्की बारिश के बीच आर्मी बैंड एवं ढोल नगाड़ों की मधुर धुन और स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और नृत्य के साथ भगवान बदरी विशाल की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ कुबेर जी, उद्धव जी एवं गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हक हकूकधारी एवं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट खोले।

इसके बाद मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की और सबके लिए मंगलमय जीवन की कामना की। इसके साथ ही अब ग्रीष्मकाल के लिए बदरीनाथ के दर्शन शुरू हो गए हैं।

यहां से शुरू होती है चारधाम यात्रा

उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम से शुरू होती है, जो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचती है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को ही खोल दिए गए थे। कपाट खुलने के मौके पर श्रीबदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से आस्था पथ से लेकर धाम को ऑर्किड और गेंदे के 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

आदिकेदारेश्वर के कपाट भी खुले

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले आदिकेदारेशवर मंदिर के कपाट खुलते हैं। परंपरा के अनुसार सुबह पांच बजे से बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके तहत 5 बजकर 20 मिनट पर वैदिक मंत्र उच्चारण शुरू हुए। इसके साथ ही जब रावल ने बदरीनाथ मंदिर के द्वार दरवाजे पर लगी सील को खोला, उसी समय राज दरबार के प्रतिनिधि कांता प्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्य द्वार का दरवाजा खोला और सर्वप्रथम बदरीनाथ के रावल और बतला बड़वा ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किया।

इन तीर्थस्थलों पर भी जुटने लगी भीड़

वहीं, भू-बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी है। मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही तप्तकुंड, नारद कुंड, शेषनेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मंदिर ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मंदिर व देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालु अब पहुंचने लगे हैं।

2023 में पहुंचे थे रिकॉर्ड श्रद्धालु

बता दें कि 2016 में 6,54355, वर्ष 2017 में 9, 20466 वर्ष 2018 में 10,48051 वर्ष 2019 में 12, 44993, वर्ष 2020 में 15,5055 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 1,97997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ आए। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 17,63549 और 2023 में रिकॉर्ड 18,39591 श्रद्धालुओं ने बदरी विशाल के दर्शन किए। इस बार भी रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं के बदरीनाथ धाम पहुंचने की संभावना है।

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