Huawei होगा ब्लैकलिस्ट! ZTE पर भी एक्शन, भारत फिर देगा चीन को झटका

केंद्र सरकार भारत में टेलीकॉम उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की एक सूची तैयार कर रही है। इन कम्पनियों से भारत की टेलीकॉम कंपनियां उपकरण खरीद सकेंगी।

Update: 2020-12-16 16:10 GMT

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद के बाद से भारत सरकार ने एक के बाद एक बड़े फैसले लिए। भारत सरकार के इन फैसलों से न केवल चीनी सेना को मुंह की खानी पड़ी, बल्कि चीन की अर्थ व्यवस्था और व्यापारिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा।

भारत-चीन विवाद का असर

भारत ने इन साल चीन से हुए तनाव के बाद कई चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा कर जिनपिंग सरकार को तगड़ा झटका दिया। वहीं अब सरकार चीनी टेलीकॉम कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी में है।

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टेलीकॉम उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की सूची तैयार

दरअसल, केंद्र सरकार भारत में टेलीकॉम उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की एक सूची तैयार कर रही है। इन कम्पनियों से भारत की टेलीकॉम कंपनियां उपकरण खरीद सकेंगी। ऐसें के सरकार का ये फैसला चीन की कुछ टेलीकॉम उपकरण बेचने वाली कम्पनियों पर भारी पड़ सकता है। माना जा रहा है कि चीन की इन कम्पनियों को देश मे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

 

इस बारे में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी कि कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने दूरसंचार क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया है। हालांकि उन्होंने सरकार के इस फैसले को चीन से जोड़कर देखने के सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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लद्दाख में सीमा तनाव के बाद सरकार ने चाईनीज एप पर लगाया बैन

गौरतलब है कि लद्दाख में एलएसी पर इस साल मई में भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे। जून-जुलाई में भी हालात गम्भीर बने हुए थे। तनाव अभी भी जारी है।

वहीं इस तरह की खबरे सामने आई कि चीन भारत का संवेदनशील डाटा और लोगों की जानकारी चोरी कर रहा है। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय दूरसंचार तकनीक को मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

Huawei और ZTE 5जी तकनीक से रखा बाहर

चीन की प्रमुख कंपनी Huawei और ZTE को भी भारत ने सीमा विवाद के बाद सरकार ने देश में 5जी तकनीक के विकास के लिए बाहर रखा। वहीं। नवंबर में साइबर सुरक्षा के मद्देनजर चीन के 43 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके पहले जून में भी चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके अलावा सितंबर में सरकार ने चीन के 118 ऐप पर प्रतिबंध लगाकर चीनी अर्थव्यवस्था को झटका दिया था।

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