पीएम आवास पर जाने को लेकर CJI Chandrachud ने रखा अपना पक्ष, कही ये बात

CJI Chandrachud: प्रेशर ग्रुप के दबाव को लेकर सीजेआई ने कहा, अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करते हैं, तो आप स्वतंत्र नहीं हैं। यही मेरी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र होने के लिए एक जज के पास यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सके, बेशक वह विवेक जो कानून और संविधान द्वारा निर्देशित हो।

Report :  Network
Update:2024-11-05 09:01 IST

CJI DY Chandrachud (सोशल मीडिया) 

CJI Chandrachud: कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णायक फैसला सुनाने वाले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उन्हें पास अब केवल चार वर्किंग डे हैं। इस दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण मामलों पर अपना फैसला भी सुनाना है। सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एक कार्यक्रम में पहुंचे जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला सुनाना नहीं है।

उन्होंने कहा कि कुछ प्रेशर डालने वाले ग्रुप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल करके अदालतों पर दबाव डालकर अपने पक्ष में फैसला सुनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यदि जज प्रेशर डालने वाले ग्रुप के पक्ष में निर्णय दे देते हैं तो वे ग्रुप न्यायपालिका को स्वतंत्र बताते हैं। सीजेआई ने गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पीएमओ पर जाने और चुनावी बांड को लेकर भी अपनी बात रखी।

पीएमओ में जाने को लेकर भी सीजेआई ने की बात

वहीं, उन्होंने गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पीएमओ पर जाने को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था। इस तरह के मामलों पर राजनीतिक गलियारों में परिपक्वता की भावना की आवश्यकता है। दरअसल, सीजेआई के पीएमओ में जाने को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी पार्टियों और वकीलों ने सवाल उठाए थे।

हमारा समाज बदल गया है

सीजेआई ने कहा, परंपरागत रूप से न्यायिक स्वतंत्रता को कार्यपालिका से स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया जाता था। न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब अब भी सरकार से स्वतंत्रता है, लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता के मामले में यही एकमात्र बात नहीं है। हमारा समाज बदल गया है। खास तौर पर सोशल मीडिया के आने के बाद। आप हित समूहों, दबाव समूहों और ऐसे समूहों को देखते हैं जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल करके अदालतों पर अनुकूल निर्णय लेने के लिए दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं।

बोले-जब चुनावी बॉन्ड को रद्द किया तब स्वतंत्र कहा गया

सीजेआई ने कहा, जब आप चुनावी बॉन्ड पर फैसला करते हैं तो आप बहुत स्वतंत्र होते हैं, लेकिन अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो आप स्वतंत्र नहीं होते. यह मेरी स्वतंत्रता की परिभाषा नहीं है। उन्होंने कहा कि जजों को मामलों पर फैसला करने की छूट दी जानी चाहिए।

प्रेशर ग्रुप के दबाव को लेकर सीजेआई ने कहा, अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करते हैं, तो आप स्वतंत्र नहीं हैं। यही मेरी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र होने के लिए एक जज के पास यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सके, बेशक वह विवेक जो कानून और संविधान द्वारा निर्देशित हो। चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें स्वतंत्र तब कहा गया जब उन्होंने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया और चुनावी बॉन्ड को रद्द कर दिया।

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