लखनऊ। यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन गुरुवार को बिजली की बढ़ी दरों और किसानों की समस्याओं को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहले दिन सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्ष के रवैए पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हंगामा करने के लिए सपा योजना बनाकर सदन में आई थी।
साथ-साथ नजर आए योगी व आजम
इस दौरान सदन का नजारा कुछ बदला-बदला नजर आया। सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान साथ-साथ आए। धुर विरोधी माने जाने वाले दोनों नेता कुछ देर हाथ पकड़कर साथ भी चले। सदन में यह नजारा देखने लायक था। सीएम पर हमेशा हमलावर रहने वाले आजम के भी चेहरे पर मुस्कुराहट थी। पूरे सदन ने मुस्कान के साथ इस नजारे को देखा।
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बिजली की बढ़ी दरें वापस लेने की मांग
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने हाल में बढ़ाई गई बिजली की दरों को वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा करते सदस्य सदन के बीच में आ गए। सपा के सदस्य हाथ में बैनर और पोस्टर लिए थे, जिसमें बढ़ी बिजली दरों को वापस लेने की मांग की गई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सपा सभी विधायकों के अधिकार का हनन कर रही है।
विपक्ष के रवैये को अलोकतांत्रिक बताया
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित की गई। बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विपक्ष का रवैया आलोकतंत्रिक है। विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता है। गांव में बिजली पहुंचाना बड़ी समस्या है। विपक्ष के कारण ही 78 हजार करोड़ का घाटा बिजली विभाग को हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने विपक्ष को नकार दिया है।
स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होते ही फिर हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को आधा घंटे के लिए और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि बिजली की दर बढ़ाने में सरकार ने जनता का ध्यान नहीं रखा। बसपा यह मामला प्रश्नकाल से पहले उठाना चाहती थी, लेकिन सरकार ने मौका नहीं दिया। हम सरकार को बाध्य करेंगे कि बढ़ी दरें वापस ली जाएं।
किसानों की कमर तोड़ रही सरकार
कांग्रेस के अजय कुमार लालू ने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों पर कामरोको प्रस्ताव दिया था। पार्टी इसका विरोध तब तक जारी रखेगी जब तक सरकार बढ़ी दरें वापस नहीं ले लेती। विपक्ष ने नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की कमर तोडऩे पर आमादा है। सरकार बिजली की बढ़ी दर वापस ले।