Bageshwar Dham: पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर राजनीति गरम, कांग्रेस ने मांगा जवाब, बीजेपी उतरी समर्थन में
Bageshwar Dham: बीजेपी के अलावा कांग्रेस के नेता भी बाबा के दरबार में शिरकत करते रहे हैं। ऐसे में बाबा से जुड़े विवाद को लेकर सूबे की सियासत गरमा गई है।
Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम से जुड़ा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं। नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने बाबा पर जादू टोना के जरिए अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराष्ट्र में अपनी राम कथा को बीच मे ही छोड़ आए थे। बागेश्वर धाम सरकार का मध्य प्रदेश की राजनीति में खासा प्रभाव रहा है।
बीजेपी के अलावा कांग्रेस के नेता भी बाबा के दरबार में शिरकत करते रहे हैं। ऐसे में बाबा से जुड़े विवाद को लेकर सूबे की सियासत गरमा गई है। विपक्षी कांग्रेस ने जहां पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से अपनी तांत्रिक क्रियाओं को प्रमाणित करने को कहा है। वहीं, सत्तारूढ़ बीजेपी पूरी तरह से बाबा के समर्थन में खड़ी हो गई है।
कांग्रेस ने मांगा बाबा से जवाब
एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा, मैं पाखंड और ढोंग में नहीं पड़ता। इस देश में 80 प्रतिशत सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं। जब उनके ऊपर महाराष्ट्र में आरोप लगे, तो बागेश्वर जी रात में अपना बिस्तर बांधकर क्यों भागे ? मैं उनसे चाहूंगा कि अगर आपमें सच्चाई है तो आपको प्रमाणिकता के आधार पर भागने का जवाब देना चाहिए। आपने तांत्रिक जैसी प्रथा को प्रचारित कर रखा है, उसे प्रमाणित करें।
बीजेपी ने बाबा का किया समर्थन
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतर गए हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने बाबा का साक्षात्कार देखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ये मेरा चमत्कार नहीं है बल्कि मेरे ईष्ट का चमत्कार है। मुझे हनुमानजी और सन्यासी बाबा पर विश्वास है। सब कुछ उनकी कृपा से ही होता है। मैं तो छोटा सा साधक हूं।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हिंदू महात्मा के साथ जब कोई घटना होती है तो प्रश्न उठाया जाता है। जावरा में लोग जमीन पर लोटते हैं, पिटते हैं, लेकिन वहां की कोई चर्चा नहीं होती। जावरा की दरगाह पर आज तक किसी ने सवाल नहीं उठाया।
बागेश्वर धाम ने चुनौती स्वीकार की
नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति से मिली चुनौती के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहली बार शुक्रवार को रायपुर में अपना दरबार लगाया। यहां उन्होंने समिति के संस्थारक श्याम मानव पर जमकर निशाना। बाबा ने कहा, जिन्होंने हमें चुनौती दी है, हमें उनकी चुनौती स्वीकार है, लेकिन भले दरबार में। अगर हमने उनकी चुनौती के अनुसार सब सच बता दिया तो जीवनभर उनको हमारा गुलाम बनना पड़ेगा। अगर हमने नहीं बताया तो हम अंधविश्वासी हो गए।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने दी थी चुनौती
पिछले दिनों जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराष्ट्र के नागपुर में राम कथा कह रहे थे तब अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने उनपर जादू – टोना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी। दावा किया जाता है कि इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री राम कथा बीच में ही छोड़कर वापस छतरपुर चले गए थे।
हालांकि, इस पर विवाद बढ़ने के बाद उनकी ओर से सफाई भी आई। उन्होंने कहा कि गुरूजी के जन्मदिन के कारण सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए थे। इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम कर दिए गए। बाबा ने कहा कि धर्मविरोध लोग उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।