President Draupdi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक ट्वीट करने पर उदित राज को एनसीडब्ल्यू का नोटिस
President Draupdi Murmu: कई सियासी दलों का भ्रमण कर चुके दलित नेता उदित राज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपने आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर घिर गए हैं।
President Draupdi Murmu: कई सियासी दलों का भ्रमण कर चुके दलित नेता उदित राज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर अपने आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर घिर गए हैं। बीजेपी से कांग्रेस में आए राज ने बुधावर को देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति मुर्मू को लेकर ऐसा ट्वीट किया कि बवाल खड़ा हो गया। कांग्रेस नेता के विरूद्ध कठोर एक्शन लेने की मांग तेज हो गई है। खबर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें राष्ट्रपति पर किए गए आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर नोटिस जारी किया है।
इस बीच बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उदित राज के ट्वीट को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। पात्रा ने कहा कि ये पहली बार नहीं है, जब किसी कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति को लेकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी ऐसा ही किया था, ये उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पिछले दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुजरात के दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की थी। इसके बाद उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि, गुजरात में देश में का 76 प्रतिशत नमक बनाया जाता है। यह कहा जा सकता है कि देशवासी गुजरात का नमक खाते हैं।
कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति के इसी बयान पर निशाना साधते हुए आपत्तिजनक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएँ तो पता लगेगा।
इस ट्वीट की कड़ी आलोचना और अपनी ही पार्टी से समर्थन न मिलने के बाद उदित राज ने एक और ट्वीट कर इसे अपना निजी मत करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है,कांग्रेस पार्टी का नही है। मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।
इसके अगले ट्वीट में उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा, द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपती के तौर पर पूरा सम्मान है। वो दलित - आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और इन्हे आधिकार है अपने हिस्से का सवाल करना। इसे राष्ट्रपती पद से न जोड़ा जाए।
अपने एक अन्य ट्वीट में दलित नेता उदित राज ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित - आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं। bjp ने मेरा सम्मान किया,जब एससी/एसटी की बात की तो बुरा हो गया।
बता दें कि उदित राज का टिकट बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में काट दिया था। उनकी जगह पर हंसराज हंस को चुनाव लड़ाया गया।