'अग्निपथ योजना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं...', बीजेपी पर हमला करते हुए बोले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा

Congress MP Deependra Hooda: अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में लागू अग्निपथ योजना को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-06-18 07:43 GMT

Congress MP Deependra Hooda: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी अग्निपथ योजना को लेकर मामला लगातार गरम है। अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस योजना को लेकर सरकार को घेरते हुए बड़ा बयान दिया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरे देश में लागू अग्निपथ योजना को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस लोकसभा में अग्निपथ योजना को वापस लेने की निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। दीपेंद्र हुड्डा ने आगे बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि अग्निपथ योजना को लागू कर सरकार वन रैंक-वन पेंशन की बजाय नो रैंक-नो पेंशन की नीति पर आ गई है। इस योजना को लागू कर सरकार हर साल 1054 करोड़ रुपये की बचत करना चाहती है। सरकार को देश की सेनाओं, देश की सुरक्षा और देश के युवाओं के हितों से कोई लेना देना नहीं है।

सेनाओं में पक्की भर्ती से कम में नहीं मानेंगे: दीपेंद्र

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि देश की सेनाओं में पक्की भर्ती से कम पर कांग्रेस नहीं मानेगी। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए रोहतक से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अग्निपथ योजना न तो देश की सुरक्षा के हित में है और न ही युवाओं के लिए लाभकारी है। यह बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र में भी नहीं थी। दीपेंद्र ने आगे कहा कि पहले देश में खासकर हरियाणा के युवाओं में सेनाओं में भर्ती होने का जज्बा और जोश जबरदस्त हुआ करता था, लेकिन जब से अग्निपथ योजना बीजेपी सरकार लेकर आई है, तब से स्टेडियम खाली हो गए हैं।

सिर्फ 900 युवा ही चाहते हैं अग्निवीर बनना: दीपेंद्र हुड्डा

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हु़ड्डा ने कहा कि हरियाणा में हर साल साढ़े पांच हजार युवा देश की सेनाओं में स्थायी नौकरी के लिए चुने जाते थे, लेकिन अब अग्निपथ योजना आने के बाद अब तक सिर्फ 900 युवा ही अग्निवीर बनने के लिए सामने आए हैं। इनमें भी चार साल की सेवा अवधि पूरी होने के बाद 25 प्रतिशत यानी सिर्फ 225 युवा ही पक्का होने के लिए पात्रता में आएंगे। युवा अब डंकी के रास्ते विदेश में पलायन करने की सोच रहे हैं। यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।

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