गुजरात विधानसभा चुनाव 2017: कांग्रेस का नहीं होगा कोई सीएम चेहरा

 गुजरात में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायक पार्टी के साथ बने रहे।नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार (21 अगस्त) को  मुलाकात की।

Update:2017-08-21 13:09 IST

नई दिल्ली : गुजरात में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायको ने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार (21 अगस्त) को मुलाकात की।

इसके बाद चुनाव जीते नेता अहमद पटेल का जन्मदिन भी मनाया। गुजरात कांग्रेस ने तय किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम का कोई चेहरा नहीं होगा ।

चुनावी रणनीति पर चर्चा

पार्टी की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि शक्ति सिंह गोहिल समेत चार विधायक शनिवार को ही दिल्ली पहुंच चुके थे। रविवार देर रात 39 विधायक दिल्ली पहुंच गए। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी और दूसरे वरिष्ठ नेता भी हैं। विधायकों ने आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की।

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तिरुपति का करेंगे दौरा

सोलंकी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर हमने लोकतंत्र को बचाया है। इस जीत से खुशी गुजरात के सभी विधायकों ने पार्टी हाईकमान से मिलने की इच्छा जाहिर की है। दिल्ली में गुजरात के सभी 43 विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने आगे कहा कि सोनिया गांधी से मिलने के बाद 23 अगस्त को सभी विधायक आंध्र प्रदेश के तिरुपति का दौरा करेंगे।

विधानसभा चुनाव पर नजर

गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत से गदगद कांग्रेस की नजर अब विधानसभा चुनाव पर है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि 4-5 सितंबर से गुजरात में कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि गुजरात में सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा । ये चुनाव गुजरात के स्थानीय नेता और बीजेपी के बीच होगा।

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अंदरूनी लड़ाइयों से जूझ रही पार्टी

कांग्रेस हाईकमान और गुजरात विधायकों की बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। गुजरात में विधानसभा चुनाव बेहद करीब है। एक तरफ जहां बीजेपी नेता घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस संगठन की अंदरूनी लड़ाइयों से जूझ रही है। पार्टी के पास 57 विधायकों में से महज 43 बचे हैं। शंकर सिंह वाघेला जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के पाले में चले गए हैं ।

क्या 22 साल का 'सियासी वनवास' खत्म कर पाएगी कांग्रेस?

कांग्रेस गुजरात की सत्ता से पिछले 22 सालों से बाहर है। 1995 में बीजेपी ने पहली बार गुजरात में सरकार बनाई थी। इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम में उतार-चढ़ाव के बीच 1966-1998 के बीच RJP की सरकार रही। कांग्रेस इस सरकार का हिस्सा थी, हालांकि, 1995 के बाद कांग्रेस कभी अपने दम पर सत्ता नहीं पा सकी। मगर, इस बार हालात थोड़े जुदा हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र की राजनीति में हैं । साथ ही बीजेपी के समर्थक रहे पाटीदार आरक्षण के नाम पर विरोध का बिगुल फूंक चुके हैं । ऐसे में कांग्रेस आगामी चुनाव में अपनी जमीन बचाने की हर मुमकिन कोशिश करना चाहेगी।

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