पार्टी में बगावत रोकने के लिए कांग्रेस की नई तरकीब, कार्यकर्ता भरेंगे वफादारी का हलफनामा

Update:2016-12-06 20:57 IST

नई दिल्ली: यूपी चुनावों के दौरान कांग्रेस ने बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए वफादारी का हलफनामा भरने की एक नई परिपाटी शुरू कर दी है। यह ठीक उसी तर्ज पर हो रहा है जिस आधार पर पश्चिम बंगाल में पिछले चुनावों में नवनिर्वाचित विधायकों से पार्टी टिकट पर निर्वाचित होने के बाद उन्हें पार्टी के साथ पूर्ण वफादारी का हलफनामा भरने को कहा गया था।

देश में पहली बार इस तरह का प्रयोग हो रहा है जब चुनाव में टिकट के मामले में पार्टी के निर्णय को मानने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षकों के सामने शपथ लेनी पड़ रही है।

बूथ स्तर पर दिलाया जाएगा शपथ

यूपी में चुनावों की तैयारियों के लिए बूथ स्तरीय बैठकों के बीच कार्यकर्ताओं को यह शपथ लेने को कहा गया है। फर्क इतना है कि यूपी में लिखित शपथपत्र नहीं मांगा जा रहा, जैसा कि बंगाल में किया गया था।

ताकि कार्यकर्ता पार्टी के प्रति हों वचनबद्ध

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार यूपी चुनाव की तैयारी बैठकों और इंदिरा गांधी की जन्मशती की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को विभिन्न स्तरों पर पार्टी संगठन से जोड़ने की कवायद के बाद इस मामले में आम राय है कि कार्यकर्ताओं को निचले स्तर पर इस बात का बोध दिलाया जाना जरूरी है कि उन्हें पार्टी के प्रति निष्ठा के प्रति वचनबद्ध रहना होगा।

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बगावत रोकने के लिए बनाई रणनीति

सूत्रों का कहना है कि शपथ इसलिए भी दिलाई जा रही है ताकि किसी चुनाव क्षेत्र में पार्टी ने किसी एक उम्मीदवार को टिकट दिया और वहां टिकट की दौड़ में कई दावेदार थे तो उनमें बगावत रोकने में यह युक्ति काफी असरदार होगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उन्हें इस बात के प्रति वचनबद्ध कर दिया जाएगा कि किसी भी उम्मीदवार जिसे पार्टी टिकट के लिए नामित करेगी वह फैसला उन्हें मंजूर होगा।

पिछली गलतियों को न दोहराने की कोशिश

कांग्रेस में कई स्तरों पर इस बात को शिद्दत से महसूस किया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों से पार्टी में कई प्रमुख पदों पर बैठे लोगों ने भी मौका पड़ने पर या स्वार्थवश न केवल पार्टी छोड़ी बल्कि कांग्रेस को उन लोगों की ओर से अपमानित होना प़ड़ा। उनका उदाहरण देकर पार्टी में कई की बयानबाजी भी सामने आई। इस कड़ी में उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, उनकी बहन रीता बहुगुणा और असम में कई अहम विभागों के मंत्री रहे हेंमत बिस्व शर्मा सरीखे कई लोगों की सूची बताई गई जिन्हें कांग्रेस में पद और सम्मान मिलने के बाद भी उन्होंने कांग्रेस को बुरे वक्त में अलविदा कहा।

अधीर रंजन चौधरी ने दिया था प्रस्ताव

बता दें कि बंगाल चुनावों के बाद वहां प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने नव निर्वाचित विधायकों से यह शपथपत्र देने का प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस पार्टी, अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति वफादारी का शपथ पत्र दें। उनके सुझाव पर तत्काल अमल करते हुए सभी चुने विधायकों ने हलफनामा सौंपा था।

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