दो भाजपा नेता गिरफ्तारः राजस्थान सरकार गिराने की साजिश का खुलासा

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार के मुख्य सचेतक ने राज्य में दो सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले मामले की जांच की मांग करते हुए विशेष संचालन समूह और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के साथ शिकायतें दर्ज की थीं।

Update: 2020-07-11 08:47 GMT

जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप में दो भाजपा नेताओं को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी कांग्रेस सरकार को कथित तौर पर गिराने के कथित प्रयासों के आरोपों के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है। इनके अलावा सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी अपना बयान दर्ज करने के लिए नोटिस भेजा है।

मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम सहित तीन को नोटिस

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सरकार के मुख्य सचेतक को इस मामले के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। लगभग एक दर्जन विधायकों और अन्य को भी जल्द ही नोटिस जारी किया जा सकता है।

गहलोत की सरकार गिराने की कोशिशों में भाजपा नेताओं का नाम सामने आया है। कथित रूप से दो भाजपा नेताओं भरत मालानी और अशोक सिंह को एसओजी टीम ने गिरफ्तार किया है। इनमें से एक को उदयपुर और दूसरे को अजमेर से गिरफ्तार किया गया है।

मालानी की कॉल डिटेल से विधायकों को खरीद फरोख्त की कोशिश की बात सामने आई है। मलानी राजस्थान भाजपा में कई पदों पर रह चुके हैं। एफआईआर के मुताबिक एसओजी के कुछ फोन नंबरों की रिकॉर्डिंग करने से गहलोत सरकार को गिराने की साजिश का खुलासा हुआ है।

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जांच से पता चला है कि भाजपा की ओर से कथित रूप से कांग्रेस और अन्य विधायकों को पैसा देने के मामले में दो-तीन विधायक भी शामिल थे। हालांकि, कांग्रेस ने इन विधायकों के नामों का खुलासा करने से इनकार किया है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है और सरकार के मुख्य सचेतक ने राज्य में दो सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले मामले की जांच की मांग करते हुए विशेष संचालन समूह और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के साथ शिकायतें दर्ज की थीं।

उपमुख्यमंत्री, सचिन पायलट ने कहा था कि ऐसा कोई तथ्य उनके संज्ञान में नहीं आया और किसी भी विधायक ने इस संबंध में उनसे कोई शिकायत नहीं की।

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