कोरोना वायरस: मरने वालों का आंकड़ा 630 पहुंचा, तो भारत में 5 नए केस आए सामने

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंच गया है। वहीं भारत के केरल में यहां 3 लोगों में इसके पॉजिटिव रिजल्ट आए थे

Update: 2020-02-08 03:53 GMT

तिरुवनंतपुरम: चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंच गया है। वहीं भारत के केरल में यहां 3 लोगों में इसके पॉजिटिव रिजल्ट आए थे, जिसके बाद राज्य में 'आपदा स्थिति' जारी की गई थी। लेकिन कुछ दिनों में इस वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस संक्रमण के संदर्भ में हाल ही में जारी 'आपदा स्थिति' चेतावनी वापस ले ली। वैसे तो राज्य में अब भी 3000 से अधिक लोग चिकित्सकीय निगरानी में हैं। वहीं कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 637 पर पहुंच गई। साथ ही कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या 31,000 के पार पहुंच गई।

भारत में वायरस की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र के पुणे, अहमदनगर और जलगांव शहरों में एक चीनी नागरिक के साथ-साथ कुल पांच लोगों को अलग वार्ड में रखा गया है। शुक्रवार को आए अधिकारिक बयान में ये बताया गया। चीनी नागरिक के साथ-साथ 3 लोगों को राज्य संचालित नायडू अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दो लोगों को अहमदनगर और जलगांव के जिला अस्पतालों में हैं। इसके अलावा 25 लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

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हवाईअड्डे पर कुल 16,063 यात्रियों की जांच की गई

बयान में कहा गया कि जिन लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है उनके खून और लार के नमूनों को जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे भेज दिया गया है और शनिवार तक परिणाम आने की उम्मीद है। छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कुल 16,063 यात्रियों की जांच की गई। चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से फैला यह वायरस अब तक भारत (केरल में तीन मामलों की पुष्टि हुई है), अमेरिका, ब्रिटेन सहित 25 देशों में फैल चुका है।

3014 लोग चिकित्सकीय निगरानी में: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि इस विषाणु के मामूली लक्षण सामने आने के बाद 3014 लोग चिकित्सकीय निगरानी में हैं, 2953 लोगों को घर में अलग से रहने का निर्देश दिया गया है और 61 लोग अस्पताल में हैं। उन्होंने कहा, 'फिर से भेजे गये अलाप्पुझा के पॉजिटिव मरीज के सैंपल का नतीजा हमें मिल गया है जिसे राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में भेजा गया था। नतीजा निगेटिव आया है।' उन्होंने कहा, 'सभी स्थितियों पर गौर करने के बाद सरकार ने राज्य आपदा अलर्ट वापस लेने का निर्णय लिया है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी निगरानी घटा रहे हैं। 28 दिन के पृथक केंद्र में भेजना जारी रहेगा।' उन्होंने कहा, 'जो लोग प्रभावित क्षेत्रों से आये हैं उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट करना ही होगा।'

राज्‍य सरकार ने 3 फरवरी को राजकीय आपदा घोषित की थी

राज्य सरकार ने तीन फरवरी को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर राज्य आपदा की घोषणा कर दी थी क्योंकि तीसरा छात्र इस संक्रमण को लेकर पॉजिटिव पाया गया था। भारत में कोरोना वायरस के जो तीन पॉजिटिव मामले सामने आये थे वे सभी केरल के ही त्रिशूर, अलाप्पुझा और कसारगोड जिलों के थे और वे सभी केरल के ही विद्यार्थी थे। उनमें दो वुहान विश्वविद्यालय के मेडिकल छात्र हैं।

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वायरस की सबसे पहले जानकारी देने वाले डॉक्‍टर की मौत

चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में बताने वाले डॉक्टर 34 वर्षीय ली वेनलियांग की गुरुवार को इस महामारी से मौत हो गई थी। अनुशासन निरीक्षण आयोग ने एक बयान में कहा कि जांच टीम वायरस प्रभावित वुहान शहर जाएगी, जहां वेनलियांग की मौत हुई। यह टीम, 'डॉ ली वेनलियांग की मौत के अलावा अन्य मुद्दों की समग्र जांच करेगी।'

डॉक्‍टर ने 7 दिसंबर को दी थी जानकारी

वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने पिछले साल 30 दिसंबर में वुहान में कोरोना वायरस के सामने आने की जानकारी दी थी। वेनलियांग ने अपने चिकित्सा महाविद्यालय के साथियों को चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर बताया था कि स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है। वेनलियांग ने अपने दोस्तों से कहा था कि वे अपने परिजनों को निजी तौर पर इससे सतर्क रहने को कहें। वैसे तो, यह संदेश कुछ घंटों में ही वायरल हो गया और पुलिस ने उन्हें अफवाह फैलाने वाला करार देकर प्रताड़ित किया था।

पैंगोलिन हो सकता है कोरोना वायरस का जिम्‍मेदार

वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को कहा कि चीन में घातक कोरोना वायरस फैलने के लिए पैंगोलिन जिम्मेदार हो सकता है। उनका कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों का जीनोम सीक्वेंस पैंगोलिन से अलग किए गए जीनोम से 99 प्रतिशत मिलता जुलता है। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर शुक्रवार को बात की और उनसे इस महामारी का आकलन संयमित रहकर करने को कहा। उन्होंने अमेरिका से अपील की कि वह इस संक्रमण को काबू करने में चीन के प्रयासों के अनुरूप ''उचित तरीके'' से प्रतिक्रिया दे। राष्ट्रपति शी ने 30 दिसंबर में कोरोना वायरस के फैलने के बाद ट्रम्प के साथ फोन पर पहली बार हुई बात-चीत में अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि चीन ने इस महामारी के लिए ''जन युद्ध'' छेड़ दिया है।

शी ने डोनाल्‍ड ट्रंप को किया फोन

मिली जानकारी के मुताबिक, शी ने ट्रम्प को फोन पर बताया कि चीन को ''पूरा भरोसा है कि वह इस महामारी को काबू में कर लेगा और वह ऐसा करने में सक्षम है।'' शहर के अधिकारियों ने कहा की सभी सामुदायिक और रहवासी इमारतों के बाहर जांच की व्यवस्था की जा रही है जहां हर व्यक्ति के शरीर का तापमान मापा जाएगा। इसके अतिरिक्त सामुदायिक कार्यकर्ता तथा स्वयंसेवी घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं।

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वुहान ने 11 हजार चिकित्साकर्मी भेजे गए

जिन्हें बुखार होगा उन्हें सामुदायिक क्लिनिक ले जाया जाएगा और वहां तय होगा कि उन्हें पृथक रखने की आवश्यकता है या नहीं। अगर मरीज बात नहीं मानेगा तो उस मामले में पुलिस दखल देगी। चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने वुहान में 11,000 चिकित्साकर्मी भेजे हैं जिनमें देश के ICU कर्मी शामिल हैं। कोरोना वायरस से लड़ाई में एक और चुनौती सामने आई जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने शुक्रवार को चेताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने वाले मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों की दुनिया भर में कमी हो रही है।

जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड को बताया, ''विश्व व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की भारी कमी का सामना कर रहा है'' उन्होंने कहा कि वह सुरक्षा मास्क की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क के सदस्यों से बात करेंगे और उत्पादन में आ रही ''बाधाओं'' को दूर करने की कोशिश करेंगे।

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