कोरोना का कहर: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 75 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा
चीन के कोरोना वायरस की वजह से भारत के साथ-साथ दुनियाभर में तालाबंदी की नौबत आ गई है। देश में अधिकतर भीड़ वाले इलाके को बंद करा दिया गया।
नई दिल्ली: चीन के कोरोना वायरस की वजह से भारत के साथ-साथ दुनियाभर में तालाबंदी की नौबत आ गई है। देश में अधिकतर भीड़ वाले इलाके को बंद करा दिया गया। सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और राशन को स्टॉक कर रहे हैं। इन सबको देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
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इस बात की जानकारी देते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि, नए नियम का फायदा देश के 75 करोड़ लोगों को मिल सकेगा। तो आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में।।
पासवान के मुताबिक सस्ता आनाज पाने के हकदार 75 करोड़ लोगों को छह माह का राशन एक साथ उठाने की छूट दी जाएगी। अभी उन्हें ज्यादा से ज्यादा दो माह तक का अनाज समय से पहले उठाने की छूट है।
हमारे गोदामों में अनाज का पर्याप्त भंडार है
रामविलास पासवान ने बताया, 'हमारे गोदामों में अनाज का पर्याप्त भंडार है। हमने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे गरीब लोगों को छह माह के अनाज का कोटा एक साथ उठाने की छूट दें।' उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के बीच यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि आगे किसी प्रकार की पाबंदी के लागू होने पर गरीब लोगों को अनाज पाने में दिक्कत न हो। यहां बता दें कि सिर्फ पंजाब सरकार ने अभी लागों को छह माह का कोटा एक साथ उठाने की अनुमति दे रखी है।
उनके मुताबिक इस समय सरकारी गोदामों में 4.35 करोड़ टन अधिक अनाज पड़ा हुआ है जो सुरक्षित बफर स्टाक की जरूरत से अधिक है। इसमें से 272.19 लाख टन चावल और 162।79 लाख टन गेहूं है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के लिए अप्रैल में बफर में 135 लाख टन चावल और 74.2 लाख टन गेहूं का भंडार सुरक्षित माना जाता है।
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सरकार ने ये फैसला तब लिया है जब लोग भारत में कोरोना के डर से घरों में राशन-पानी जुटा रहे हैं। पासवान ने आगे कहा कि कोरोना संकट के बीच सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में अनाज उपलब्ध हैं और लोगों को इसके लिए चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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