CR Rao Passed Away: सीआर राव, स्टेटिस्टिक्स की दुनिया का बहुत बड़ा नाम, 102 वर्ष की आयु में हुआ निधन
CR Rao Passed Away: सीआर राव ने साबित किया कि उपलब्धियां और श्रेष्ठता हासिल करने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद अनेको उपलब्धियां हासिल कीं और स्टेटिस्टिक्स के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी।
CR Rao Passed Away: भारत के आल टाइम ग्रेट और प्रतिष्ठित सांख्यिकीविद कैल्यामपुडी राधाकृष्ण राव का 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सांख्यिकी यानी स्टेटिस्टिक्स के क्षेत्र में सीआर राव बहुत बड़ा नाम हैं और उनका महती योगदान रहा है। उनके काम ने बिजनेस से लेकर चिकित्सा और मानव विज्ञान से लेकर अर्थशास्त्र तक अध्ययन के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उन्हें सांख्यिकी में 2023 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो इस क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर है। सीआर राव ने साबित किया कि उपलब्धियां और श्रेष्ठता हासिल करने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद अनेको उपलब्धियां हासिल कीं और स्टेटिस्टिक्स के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी।
व्यापक काम
सीआर राव का काम अनुमान सिद्धांत, विभेदक ज्यामिति और बहुभिन्नरूपी विश्लेषण तक फैला हुआ है। भारत में उनका प्रभाव केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), और हैदराबाद में सीआर राव एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस (एआईएमसीएस) के संचालन में परिलक्षित होता है, जिसे 2013 में स्थापित किया गया था।
70 साल का एक्टिव करियर
अपने सात दशकों के करियर में सीआर राव ने लगभग 51 डॉक्टरेट छात्रों को प्रशिक्षित किया, जिनमें से कई अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं। उनमें से, केआर पार्थसारथी, आर रंगा राव, वीएस वरदराजन और एसआरएस वरधन उल्लेखनीय हैं जिन्होंने अपने रिसर्च काम के लिए 2007 में प्रतिष्ठित ‘एबेल पुरस्कार’ जीता।
सीआर राव ने कई प्रमुख पदों पर काम किया जैसे कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक, जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय में प्रोफेसर अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एबर्ली विश्विद्यालय में प्रोफ़ेसर, सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष और पेंसिल्वेनिया राज्य में बहुभिन्नरूपी विश्लेषण केंद्र के निदेशक। वह अमेरिका की पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में एमेरिटस प्रोफेसर और बफ़ेलो विश्वविद्यालय में रिसर्च प्रोफेसर भी थे। सीआर राव को कई सम्मान मिल चुके हैं. उन्हें 1968 में पद्म भूषण और 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
बचपन से दिखाई प्रतिभा
सीआर राव ने 6 साल की उम्र से गणित में हैरतंगेज़ कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘ग्लिम्पसेस ऑफ इंडियाज स्टैटिस्टिकल हेरिटेज’ लिखी जो निबंधों का एक अद्भुत संग्रह है, जिसे जेके घोष, एसके मित्रा और केआर पार्थसारथी जैसे दिग्गजों द्वारा संपादित किया गया है।
10 बच्चों में से आठवें, राव का जन्म सितंबर, 1920 में कर्नाटक के एक शहर हुविन्ना हदगली में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उनके पिता पुलिस में थे और मां अध्यापिका थीं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा आंध्र प्रदेश के गुडूर, नुजविद, नंदीगामा और विशाखापत्तनम में पूरी की। उन्होंने 1943 में आंध्र विश्वविद्यालय से गणित में एमएससी और कलकत्ता विश्वविद्यालय से सांख्यिकी में एमए पूरा किया। उन्होंने पीएचडी भी प्राप्त की। कैंब्रिज विश्वविद्यालय के किंग्स कॉलेज में 1965 में डीएससी की डिग्री भी पूरी की। भारत में रिटायरमेंट के बाद राव अमेरिका चले गए थे और वहीँ बस गए थे।