Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी, कहा इस पाकिस्तानी अकाउंट में डालो 50 लाख

Karnataka High Court: केंद्रीय सीईएन अपराध पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। पुलिस ने दुबई गिरोह द्वारा के जस्टिस मोहम्मद नवाज, एचटी नरेंद्र प्रसाद, अशोक निजगन्नवर (सेवानिवृत्त), एचपी संदेश, के नटराजन और बी वीरप्पा (सेवानिवृत्त) को धमकी देने की आशंका जताई है।;

Update:2023-07-24 20:23 IST
Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी, कहा इस पाकिस्तानी अकाउंट में डालो 50 लाख
death threats to karnataka high court judges (Photo-Social Media)
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Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों को एकबार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। ये धमकी पैसे के लिए दी गई है। व्हाट्सऐप पर आए संदेश में बदमासों नें 50 लाख की डिमांड की है। जजों की शिकायत पर पुलिस नें अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस को हाईकोर्ट के प्रबंधन अधिकारी की ओर से मिले शिकायत में कहा गया था कि खुद के अलवां कई जजों को जान से मारने की धमकी मिली है।

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केंद्रीय सीईएन अपराध पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। पुलिस ने दुबई गिरोह द्वारा के जस्टिस मोहम्मद नवाज, एचटी नरेंद्र प्रसाद, अशोक निजगन्नवर (सेवानिवृत्त), एचपी संदेश, के नटराजन और बी वीरप्पा (सेवानिवृत्त) को धमकी देने की आशंका जताई है।

इन धाराओं में मामला दर्ज

14 जुलाई को दर्ज कराए गए एफआईआर में कहा गया है कि धमकी भरे संदेश में पाकिस्तान के एक बैंक अकाउंट में 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। धमकी देने वाले अज्ञात बदमाशों के वरुद्ध धारा 506, 507 और 504 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद पुलिस नें बताया कि अज्ञात के खिलाफ एफआईआर भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 75 और 66 (एफ) के तहत दर्ज किया गया है।

व्हाट्सऐप पर आया था धमकी भरा संदेश

पुलिस के मुताबिक के. मुरलीधर द्वारा 14 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई गई थी। मुरलीधरन को 12 जुलाई को शाम करीब 7 बजे एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला था। उन्हे यह संदेश उर्दू और इंग्लिश भाषा में लिखा हुआ आया था।

पहले भी मिल चुकी है जान से मारने की धमकी

बता दें कि इससे पहले भी वर्ष 2022 में हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों को जान से मारने की धमकी मिली थी। इसके बाद सरका की ओर से जजों को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई गई। तत्कालीन कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया गया है।

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