Vocal For Local: भारत में ‘मेड इन इंडिया’ का जलवा, इस दिवाली चाइनीज प्रोडक्ट्स से लोगों ने किया किनारा
Vocal For Local: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का असर देश में अब दिखने लगा है। इस अभियान के तहत घरेलू सामानों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे चाइनीज प्रोडक्ट्स को करारा झटका लगा है।
Vocal For Local: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का असर देश में अब दिखने लगा है। इस अभियान के तहत घरेलू सामानों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे चाइनीज प्रोडक्ट्स को करारा झटका लगा है। अब भारत के अधिकांश लोग दीपावली पर अपने घरों को स्वदेशी चीजों से सजा रहे हैं।
भारतीय अब ‘मेड इन इंडिया’ को ही वरीयता दे रहे हैं। बीते कुछ सालों से भारतीय बाजारों में धनतेरस और दीपावली पर चाइनीज सामानों की डिमांड लगातार घट रही है। खासकर दीपावली के समय सबसे ज्यादा बिकने वाले डेकोरेटिंग आइटम्स की बिक्री में भी गिरावट आयी है। मांग कम होने से आयात भी कम हो रहा है।
चाइनीज प्रोडक्ट्स का लोगों ने बहिष्कार
बीते कई सालों से दीपावली या फिर किसी भी त्योहार पर चाइनीज प्रोडक्ट्स का लोगों ने बहिष्कार शुरू कर दिया है। जिसका असर चाइनीज बाजार पर पड़ रहा है। दीपावली पर्व पर लोग अपने घरों को कुम्हारों के बनाये हुए मिट्टी के दीपकों और मेड इन इंडिया (Made in India) के सजावट के सामान से सजा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस साल दीपावली पर्व पर चीनी प्रोडक्ट्स (Chinese Products) की बिक्री में गिरावट आयी है। इस साल दीपावली (Deepawali 2024) पर चाइनीज सामान की बिक्री न होने से चीन को लगभग एक लाख 25 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।
वहीं कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देशभर के व्यापारिक संगठनों से अपील की है कि वह घरेलू सामानों को ही ग्राहकों को बेचें। साथ ही अपने क्षेत्र की महिलाएं, कुम्हार, कारीगर समेत जो लोग दिवाली पर सजावट के सामान बना रहे हैं। उनके सामान की बिक्री कराने में मदद करें। कैट की इस अपील का भी असर बाजारों में देखने को मिल रहा है। बाजारों में घरेलू सामानों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे लोगों की आय में भी इजाफा हुआ है।
वहीं चीन को लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का झटका लगा है। कैट के अनुसार इस साल 2024 में धनतेरस पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये के कारोबार हुआ है। वहीं दीपावली के अवसर पर यह आंकड़ा लगभग एक लाख करोड़ रुपए को पार हो जाएगा। इसा साल धनतेरस के दिन जहां एक दिन में लगभग 20 हजारा करोड़ रुपए के सोने के आभूषणों की बिक्री हुई। वहीं लगभग 2500 करोड़ रुपए के चांदी के जेवरात भी खरीदे गये।