हार की जिम्मेदारी लेते हुए मनोज तिवारी ने की इस्तीफे की पेशकश

भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने इस्तीफा अश्विकार करते हुए मनोज तिवारी को पद पर बने रहने के लिए कहा है। बता दें कि मनोज तिवारी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन परिणामों में बीजेपी को केवल 8 सीटें ही मिली हैं।

Update:2020-02-12 19:48 IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आये भारतीय जनता पार्टी के खराब परिणामों के बाद प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने इस्तीफा अश्विकार करते हुए मनोज तिवारी को पद पर बने रहने के लिए कहा है। बता दें कि मनोज तिवारी ने दिल्ली में 48 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन परिणामों में बीजेपी को केवल 8 सीटें ही मिली हैं।

हार के बाद मनोज तिवारी ने ली थी जिम्मेदारी

सूत्रों की मानें तो बीजेपी आलाकमान ने मनोज तिवारी के इस्तीफे की पेशकश को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव के चलते बीजेपी के संगठन के चुनाव को टाला गया था। अब संगठन चुनाव के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। हार के बाद ही मनोज तिवारी ने जिम्मेदारी ली थी और कहा था कि मेरा सीना तैयार है।

जैसे-जैसे दिन ढला, हौसला कम होता गया

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी रही थी। कल मनोज तिवारी तो दोपहर तक आश्वस्त थे कि बीजेपी को बहुमत मिल जाएगा। जैसे-जैसे दिन ढला, उनका हौसला कम होता गया। आखिरकार उन्होंने हार कबूल की, केजरीवाल को बधाइयां दीं, फिर भी सोशल मीडिया पर वो जमकर ट्रोल हुए।

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ये सभी एक्जिट पोल होंगे फेल, मेरा ये ट्वीट संभालकर रखिएगा

इससे पहले 8 फरवरी के मतदान के बाद जब एग्जिट पोल आए तो पूरी तरह से आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, लेकिन मनोज तिवारी अड़े थे कि बीजेपी 48 सीटें जीतेगी। उन्होंने ट्वीट किया था, 'ये सभी एक्जिट पोल होंगे फेल, मेरा ये ट्वीट संभालकर रखिएगा। भाजपा दिल्ली में 48 सीट लेकर सरकार बनाएगी, कृपया ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढें।'

मेरा अनुमान गलत सिद्ध हुआ

इस पर मनोज तिवारी ने कहा था, 'मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं और हमारा एक आंतरिक सर्वे होता है।प्रदेश अध्यक्ष को यह थोड़ी बोलना चाहिए कि हम पहले ही हार गए।कोई ऐसा नहीं बोलेगा और जब तक रिजल्ट न आ जाए किसी को ऐसा कहना भी नहीं चाहिए। जिसका वोट 4 प्रतिशत आया, उसे भी नहीं बोलना चाहिए, उसे भी बढ़िया से लड़ाई लड़नी चाहिए। मेरा अनुमान गलत सिद्ध हुआ।'

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अंत में भी कहा कि ट्वीट को 'संभाल कर रखे ही रहिए'

मनोज तिवारी ने कहा कि मैंने जो सोचा था उसका आधार था कि लगभग 48 विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों की बुरी स्थिति है, स्कूल की अच्छी व्यवस्था नहीं है, वहां पानी लगा रहता है। इस आधार पर हमने कल्पना की थी कि इन इलाके के लोग किसी नए को जिम्मेदारी देंगे। हमारी सोच पूरी नहीं हुई। हमने जो ट्वीट किया था उसे संभाल कर आप लोग रखे होंगे, अब उसे रखे ही रहिए।'

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