AQI Level: हांफती दिल्ली को ठीक करने के लिए GRAP का चौथा चरण लागू, कई चीजें बंद; जानिए क्या है ग्रैप और क्यों लागू होता?

AQI Level: जब किसी राज्य की वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होने लगती है तो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) उस राज्य की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए ग्रैप लागू कर देता है। आयोग इसका उपयोग चार चरण में करता है।

Written By :  Viren Singh
Update: 2023-11-06 08:37 GMT

AQI Level (सोशल मीडिया) 

AQI Level GRAP 4: राजधानी दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा इस कदर खराब हो गई है कि वहां पर रहने वाले लोगों का सांस लेने पर दम घुट रहा है। आसमान पर वायु प्रदूषण की धुंध ऐसी छाई है कि सूरज तक नहीं निकल पा रहा है। बीते कई दिनों से दिल्ली एनसीआर की सुबह धुंध की वजह से ऐसी लग रही है, मानो शाम है। बीते कई दिनों राजधानी और उसके आस पास के क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत गंभीर श्रेणी’ पर पहुंच गई है। बहुत गंभीर श्रेणी 500 से अधिक पर लागू होती है। वायु प्रदूषण की इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके लागू होते ही राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्र में कई प्रकार के प्रतिबंध लागू हो गए हैं। इसमें स्कूल बंदी से लेकर सरकारी व निजी दफ्तरो में घर से काम करने व्यवस्था और प्रदूषित वाहनों की राज्य में प्रवेश करने पर रोक लग गई है।

रविवार को लागू हुआ चौथा ग्रैप फेज

दिल्ली एनसीआर की हवा बीते कई दिनों से खराब है। सरकार ने GRAP पहले से अक्टूबर महीने से लागू कर रखा है, लेकिन बीते कई दिनों से राज्य में वायु प्रदूषण बहुत गंभीर श्रेणी पर रहता देख इसका चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके लागू होते ही कई प्रकार के राजधानी दिल्ली प्रतिबंध लग गए हैं। वायु प्रदूषण को देखते हुए आयोग ने 5 नवंबर को दिल्ली में ग्रैप का चौथा चरण लागू किया है। इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में हवा को शुद्ध करने के लिए ग्रैप का तीसरा चरण लागू था। तो ग्रैप से जुड़े कुछ सवालों को खोजते हैं कि क्या होता है ग्रैप, क्या हैं इसके मानक और इसके लागू होने पर किन-किन प्रतिबंध लगा जाता है?


जानिए क्या होता है ग्रैप

जब किसी राज्य की वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब होने लगती है तो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) उस राज्य की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए ग्रैप लागू कर देता है। आयोग इसका उपयोग चार चरण में करता है। जैसे जैसे राज्य की वायु गुणवत्ता खराब होती जाती है, वैसे वैसे ग्रैप के चरणों का उपयोग किया जाता है। इसका चौथा चरण तभी ही लागू किया जाता है, जब राज्य की वायु गुणवत्ता सूचकांक आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है। यानी जब उस राज्य का AQI 450-500 पहुंच जाता है। जैसा इस समय दिल्ली-एनसीआर की स्थिति है। दरअसल, बीते कई वर्षों अक्टूबर महीने लगते ही दिल्ली-एनसीआर के इलाके गैस चैंबर में तब्दील हो रही है। इस दौरान राज्य की हवा गुणवत्ता की माप करने वाला वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंच जाती है। कभी-कभी स्थिति और भी खराब हो जाती है। इससे लोगों को सांस की बीमारी का खतरा भी बना रहता है। दिल्ली की इस स्थिति को देखते हुए 2 दिसंबर 2016 में एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसला सुनाया था। इस फैसले में विभिन्न वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत कार्यान्वयन के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप तैयार करने आदेश दिया था, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का गणन हुआ।

GRAP के ये हैं चार चरण

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए ग्रैप के चार चरण बनाए हैं। इसमें ग्रैप-1, ग्रैप-2, ग्रैप-3 और चौथा आखिरी ग्रैप-4 है।

ग्रैप-1 को तब लागू किया जाता है, जब AQI 201-301 के बीच हो

ग्रैप 2 को AQI 301-400 के बीच आने पर लागू किया जाता है

ग्रैप 3 को AQI 401-450 होने पर लागू होता है।

ग्रैप 4 AQI 450-500 होने पर लागू होता है यानी वायु प्रदूषण की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल गई है।


ग्रैप का चौथा चरण में पाबंदियां

ग्रैप के चौथे चरण लागू होती राज्यों में कई प्रकार के प्रतिबंध आयोग द्वारा लगा दिये जाते हैं। यह प्रतिबंध नीचे दिये हुए हैं।

दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट

दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध, लेकिन जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट

एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध, लेकिन आपातकालीन वाहनों को छूट वो भी केवल बीएस-6 वाहन को

एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी, जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है।

सरकार के अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।

निर्माण व विध्वंस गतिविधियों के अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक

केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है

एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट मिली सकती है।

राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।


बाहर निकलते वक्त पहनने मास्क

दिल्ली के एलएनजेपी के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार का वायु प्रदूषण की स्थिति पर कहना है कि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत गंभीर है, जो कि यह 500 से अधिक है। इसका मतलब है कि यह एक चिकित्सा आपातकाल है। लोग सांस फूलना, गले में खराश, घरघराहट, खांसी, आंखों में जलन, बेचैनी की शिकायत मिली रही है। हमारे पास आपातकालीन विभाग में रोजाना 25-30 मरीज आ रहे हैं। हमें अपना ख्याल रखते हुए इन प्रदूषकों से बचना होगा। इस दौरान हमें मास्क अवश्य पहनना चाहिए।

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