Manish Sisodia: सिसोदिया के बिना अपंग केजरीवाल सरकार, 18 विभागों की जिम्मेदारी, सबसे बड़ा सवाल अब कैसे होगा काम?
Delhi Kejriwal Govt: दिल्ली सरकार पर सिसोदिया की गिरफ्तारी से कामकाज बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। सिसोदिया पर 18 विभागों की जिम्मेदारी है।
Delhi News: दिल्ली शराब घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। दरअसल पार्टी से लेकर सरकार तक सिसोदिया के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी थी और ऐसे में सीबीआई की ओर से सिसोदिया को गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली की आप सरकार का टेंशन बढ़ गया है। सिसोदिया की गिरफ्तारी से दिल्ली सरकार का कामकाज बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से 18 महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सिसोदिया को सौंप रखी है। सिसोदिया के पास वित्त, शिक्षा, गृह, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य और आबकारी समेत 18 महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं। इसे भी केजरीवाल का अजीब कदम माना जा रहा है कि उन्होंने शिक्षा और आबकारी दोनों विभागों की जिम्मेदारी सिसोदिया को सौंप रखी है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 18 महत्वपूर्ण विभागों में काम कैसे होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गहरे संकट में फंस गए हैं।
अब दिल्ली का बजट पेश करने का संकट
सिसोदिया से पहले दिल्ली सरकार के एक और महत्वपूर्ण मंत्री सत्येंद्र जैन की पिछले साल 30 मई को गिरफ्तारी हुई थी। मनी लांड्रिंग मामले में ईडी की ओर से सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किए जाने के बाद स्वास्थ्य समेत छह महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी सिसोदिया को सौंप दी गई थी। अब सिसोदिया के गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए नया संकट पैदा हो गया है। दिल्ली सरकार का अभी तक बजट नहीं पेश किया गया है और वित्त मंत्रालय की कमान सिसोदिया के ही हाथों में है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि अब आप के किसी दूसरे नेता को विधानसभा के पटल पर बजट पेश करना होगा। आप सूत्रों के मुताबिक राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत को बजट पेश करने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। दिल्ली सरकार का बजट अगले महीने पेश किया जाना है और आम आदमी पार्टी को पहले ही सिसोदिया की गिरफ्तारी का डर सता रहा था। इसी कारण बजट से जुड़ी गतिविधियों में गहलोत पहले ही सक्रिय हो गए थे।
शिक्षा विभाग में बनेगी बड़ी चुनौती
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद शिक्षा विभाग का काम भी बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। आम आदमी पार्टी शिक्षा विभाग में किए गए कामों को पहले से ही काफी प्रोजेक्ट करती रही है और इसका श्रेय मनीष सिसोदिया को दिया जाता रहा है। अब परीक्षा के सीजन में सिसोदिया की गिरफ्तारी आप सरकार का संकट बढ़ाने वाली है।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होने के बाद 18 मार्च तक चलने वाली हैं। अब इन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन भी आप सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
जानकारों का कहना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से सबसे बड़ा झटका शिक्षा विभाग को ही लगा है। शिक्षा विभाग में किए गए कामों के कारण सिसोदिया की लोकप्रियता बढ़ी है और आप सरकार की ओर से उन्हें सबसे बेहतर शिक्षा मंत्री का तमगा दिया जाता रहा है। ऐसे में उनका विकल्प ढूंढना भी केजरीवाल के लिए आसान नहीं साबित होगा।
केजरीवाल की सियासी योजनाओं को झटका
दिल्ली सरकार में सिसोदिया को केजरीवाल का सबसे करीबी माना जाता रहा है। राजनीति में आने से पहले दोनों एनजीओ में साथ काम भी कर चुके हैं। केजरीवाल सिसोदिया पर सबसे ज्यादा भरोसा करते रहे हैं और सिसोदिया का इस बाबत कहना है कि मुझे गर्व है कि मुझे उनका इतना भरोसा हासिल है। ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी केजरीवाल के लिए निजी तौर पर भी बड़ा झटका मानी जा रही है।
दिल्ली और पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद केजरीवाल अन्य राज्यों में आप का विस्तार करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही वे राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का सपना भी देख रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी से केजरीवाल की सियासी योजनाओं पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।