Delhi CM Atishi: आतिशी का मार्लेना सरनेम, जाने इसमें छिपा है कौन सा बड़ा राज
Delhi New CM Atishi Marlena: उन्हें वामपंथी विचारधारा का बताते हुए विरोधियों ने उन पर जमकर हमला बोला। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि आतिशी को अपने सरनेम को लेकर सबके बीच सफाई भी देनी पड़ी थी।
Delhi New CM Atishi Marlena: सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद अब दिल्ली में जल्द ही मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी महिला की ताजपोशी होने वाली है। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी मार्लेना के नाम पर मुहर लग गई। अरविंद केजरीवाल ने खुद आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा और सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
आतिशी के सियासी मैदान में सक्रिय होने के कारण उनके नाम की जानकारी तो काफी लोगों को है मगर उनके सरनेम के बारे में काफी कम लोग जानते हैं। आतिशी अपना सरनेम मार्लेना लिखती रही हैं और इस सरनेम के साथ भी एक गहरा राज जुड़ा हुआ है। हालांकि सरनेम को लेकर और भ्रम और विवाद पैदा किए जाने के बाद आतिशी ने अब अपने नाम के आगे सिंह लिखना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि आतिशी ने अब अपना सरनेम सिंह क्यों लिखने लगी हैं।
माता-पिता ने इसलिए दिया मार्लेना सरनेम
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दंपति विजय सिंह और तृप्ति वाही के घर हुआ था। आतिशी के माता-पिता वामपंथी विचारधारा से जुड़े हुए थे। वे दोनों कम्युनिज्म के जनक कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के विचारों से काफी प्रभावित थे। इसलिए आतिशी के माता-पिता ने कार्ल मार्क्स और लेनिन के सरनेम को मिलाकर अपनी बेटी को मार्लेना सरनेम दिया था।
आतिशी के माता-पिता ने कम्युनिस्ट विचारधारा की घुट्टी पिलाकर अपनी बेटी को पाला-पोसा था। आतिशी पहले अपने नाम के आगे मार्लेना सरनेम का ही उपयोग किया करती थीं। हालांकि बहुत से लोग इस सरनेम का राज नहीं जानते थे।
मार्लेना सरनेम को लेकर पैदा हुआ विवाद
2019 में आतिशी ने पूर्वी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और इस दौरान उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और क्रिकेटर गौतम गंभीर से हुआ था। इस दौरान आतिशी के सरनेम मार्लेना को लेकर राजनीतिक विरोधियों की ओर से तमाम तरह के भ्रम पैदा किए गए।
उन्हें वामपंथी विचारधारा का बताते हुए विरोधियों ने उन पर जमकर हमला बोला। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि आतिशी को अपने सरनेम को लेकर सबके बीच सफाई भी देनी पड़ी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी ने पूरी ताकत लगाई थी मगर इसके बावजूद उन्हें गौतम गंभीर के मुकाबले 4.77 लाख से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
2020 में मार्लेना की जगह सिंह सरनेम लिखा
2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी एक बार फिर चुनावी अखाड़े में उतरीं। इस दौरान उन्होंने कालकाजी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। हालांकि चुनाव के दौरान एक उल्लेखनीय बदलाव यह देखने को मिला कि आतिशी ने अपने नाम के आगे मार्लेना सरनेम हटा लिया और उसकी जगह सिंह लिख लिया।
2020 के चुनाव में उन्होंने आतिशी सिंह के नाम से नामांकन दाखिल किया। इस कदम के जरिए वे अपने सरनेम को लेकर हुए पैदा हुए विवाद को शांत करना चाहती थी।
उनका मकसद असली मुद्दों पर फोकस करना था और इस काम में उन्हें कामयाबी भी मिली। आतिशी 2020 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बनी थीं।
अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल मार्च में उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया था और अब वे जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली हैं। विधायक बनने के 4 साल के भीतर ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद तक का बड़ा सियासी सफर तय किया है।
सरनेम को लेकर आतिशी की सफाई
आतिशी ने एक बार अपने सरनेम को लेकर सफाई भी पेश की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मार्लेना मेरा उपनाम नहीं है और अब मेरा सरनेम सिंह है। जानकारों का कहना है कि आतिशी ने अपना मार्लेना सरनेम इसलिए हटाने का फैसला किया क्योंकि इस सरनेम के चलते हुए उन्हें अटकलों और अफवाहों का सामना करना पड़ा कि उनका सरनेम कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़ा हुआ है। अपनी राजनीतिक मान्यताओं को गलत व्याख्या से बचाने के लिए ही आतिशी ने अपने सरनेम मार्लेना को हटाने का फैसला किया था।
आतिशी क्यों लिखने लगीं सिंह सरनेम
आतिशी के सिंह सरनेम लिखने का भी एक बड़ा कारण है। दरअसल आतिशी के पति का नाम प्रवीण सिंह है। आतिशी और प्रवीण ने कभी एक-दूसरे से प्यार किया था और बाद में दोनों ने शादी कर ली। दोनों ग्राम स्वराज के पैरोकार रहे हैं और दोनों गांवों में काम भी कर चुके हैं। प्रवीण सिंह काफी पढ़े लिखे और सुलझे हुए शख्स हैं और वे लाइमलाइट से दूर रहने में यकीन करते हैं।
उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी यानी आईआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद यानी आईआईएम से पढ़ाई की है।
प्रवीण से मुलाकात के बाद कर ली शादी
इन दो बड़े संस्थानों में पढ़ाई करने के बाद वे मोटी रकम वाली नौकरी आसानी से पा सकते थे मगर उन्होंने गांवों में काम करने को प्राथमिकता दी। प्रवीण सिंह और आतिशी की मुलाकात दिल्ली में हुई थी और दोनों की इच्छा गांवों की दशा सुधारने की थी।
किसी कॉमन प्लेटफार्म पर दोनों की मुलाकात हुई और जल्द ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और बाद में विवाह का फैसला कर लिया। प्रवीण सिंह से विवाह के कारण ही आतिशी अब सिंह सरनेम लिखने लगी हैं।