Delhi News: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सिसोदिया को दी सलाह, कहा- झूठे आरोपों के मामलों में मांगें माफी
Delhi News: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मनीष सिसोदिया को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद वह असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा से सार्वजनिक रूप से माफी मांग लें।
Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बाद वह असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से सार्वजनिक रूप से माफी मांग लें। उन्होंने यह भी कहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता जितने झूठ बोलते हैं, उसे देखते हुए उन्हें बाकी सारे झूठे आरोपों पर भी माफी मांगनी चाहिए। इन आरोपों के कारण दिल्ली के खजाने का करोड़ों रुपया बर्बाद हो रहा है।
सिसोदिया ने बिस्वा पर आरोप लगाए थे: बिधूड़ी
बिधूड़ी ने कहा कि सिसोदिया ने बिस्वा पर आरोप लगाए थे कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी से असम सरकार ने ज्यादा कीमत पर पीपीई किट खरीदी थीं। इस पर बिस्वा ने आरोपों को गलत बताते हुए उनके खिलाफ कामरूप में मानहानि का मामला दर्ज किया है। सिसोदिया इस मामले को रोकने के लिए पहले हाई कोर्ट गए और वहां से मामला खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो टिप्पणी की हैं, वह आम आदमी पार्टी के लिए बहुत ही शर्म की बात हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि यदि आप सार्वजनिक बहस के स्तर को इस कदर गिरा देंगे तो आपको अंजाम भुगतने होंगे। यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि आपको बिना शर्त माफी मांग लेनी चाहिए थी। ये आरोप उस समय लगाए गए जब देश कोरोना के भयंकर काल से गुजर रहा था।
''हिट एंड रन'की तरह आरोप लगाने का आप का चरित्र और आदत''
बिधूड़ी ने कहा कि यह आम आदमी पार्टी का चरित्र और आदत है कि वे 'हिट एंड रन'की तरह आरोप लगा देते हैं और फिर उसकी जिम्मेदारी भी नहीं लेते। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसी आदत के कारण बहुत-से लोगों से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं। अब तो अदालत ने सिसोदिया को भी यही सलाह दे दी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस तरह के आधारहीन राजनीतिक आरोपों के कारण अदालतों में जो मामले चल रहे हैं, उन पर दिल्ली सरकार का करोड़ों रुपया वकीलों की फीस के रूप में खर्च हो रहा है। अगर दिल्ली सरकार का कोई मंत्री इस तरह राजनीतिक दोषारोपण करता है तो वकीलों की फीस सरकारी खाते से नहीं बल्कि उस मंत्री की जेब से वसूल की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत के मामले की अर्जी सुनने से किया इनकार: बिधूड़ी
बिधूड़ी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत के मामले में भी जिस तरह उनकी अर्जी सुनने से इनकार किया है, उससे भी पता चल जाता है कि दिल्ली सरकार अदालतों में किस तरह पानी की तरह पैसा बहा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पूरी आम आदमी पार्टी सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट देती है, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत उसकी जमानत लेने के लिए भी तैयार नहीं है।