BJP को किसी भी अनुचित परिसीमन को लागू करने से रोकना ही होगा.. JAC की बैठक में बोले रेवंत रेड्डी

Delimitation News: रेवंत रेड्डी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जनसांख्यिकीय दंड की नीति लागू कर रही है। देश के सामने आज एक बड़ी चुनौती है।;

Update:2025-03-22 13:59 IST

Revanth Reddy

Delimitation News: चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की पहली बैठक शनिवार को हुई। बैठक के दौरान सीएम स्टालिन ने सुझाव दिया है कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन वर्तमान जनसंख्या के अनुसार नहीं होना चाहिए।

साथ ही उन्होंने यह तर्क भी दिया कि राज्य के विशिष्ट विचारों को व्यक्त करने के लिए संसद में पर्याप्त प्रतिनिधित्व की जरूरत है। वहीं बैठक में मौजूद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि जनसंख्या आधारित परिसीमन को दक्षिण भारत स्वीकार नहीं करेगा। रेवंत रेड्डी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा जनसांख्यिकीय दंड की नीति लागू कर रही है।

देश के सामने आज एक बड़ी चुनौती है। हम एक देश हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। लेकिन हम इस जनसंख्या आधारित प्रस्तावित परिसीमन को स्वीकार नहीं कर सकते। क्योंकि यह परिसीमन राजनीतिक रूप से सीमित कर देगा। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने निशाना साधते हुए कहा कि यह हमें प्रदर्शनकारी प्रदेश होने की सज़ा देगा। हम सभी को मिलकर भाजपा को किसी भी अनुचित परिसीमन को लागू करने से रोकना ही होगा। 

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने निष्पक्ष परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में शामिल होने के लिए केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पंजाब के नेताओं हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम सभी परिसीमन के खिलाफ नहीं बल्कि निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। अधिकार स्थापित करने को निरंतर कार्रवाई बेहद आवश्यक है।

बैठक में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक है। जनसंख्या नियंत्रण देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एजेंडा है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत भारत के निर्माण की दिशा में जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन उन सभी राज्यों के साथ अन्याय होगा। जिन्होंने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए मेहनत की है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कहा कि देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि निकाय में सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए जनसंख्याएकमात्र मानदंड नहीं होनी चाहिए।  

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