राणा सांगा पर सपा सांसद की विवादित टिप्पणी से सियासी उबाल, भाजपा बरसी, राजपूत योद्धा के वंशज ने की कार्रवाई की मांग
Rana Sanga: समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन की ओर से राजपूत योद्धा राणा सांगा पर शनिवार को संसद में की गई विवादित टिप्पणी पर सियासी उबाल पैदा हो गया है।;
SP MP Lal ji Suman (Photo: Social Media)
राणा सांगा के वंशज विश्वजीत सिंह मेवाड़ ने भी सपा सांसद के बयान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि महाराणा सांगा को ऐसे लोगों से प्रमाण पत्र पाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास के एक महान व्यक्तित्व के खिलाफ की गई इस अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सपा सांसद के बयान से पूरा देश आहत
राणा सांगा को राजस्थान का महान योद्धा माना जाता रहा है और सपा सांसद की इस टिप्पणी पर राजस्थान में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सपा सांसद का निम्नस्तरीय बयान केवल राजस्थान के आठ करोड़ लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे देश को आहत करने वाला है। राजस्थान के लाडले सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा करने के लिए सदैव अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
उन्होंने कहा कि राणा सांगा महान योद्धा थे और उन्होंने मुगलों से युद्ध के दौरान अपने शरीर पर अस्सी घाव झेले थे। ऐसे योद्धा को गद्दार कहना विपक्षी नेताओं की घटिया मानसिकता को दिखाता है। अपने वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए ये लोग हमारे इतिहास के योद्धाओं का अपमान करने से भी नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विवादित निम्नस्तरीय बयान के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सपा सांसद पर कार्रवाई करने की भी मांग की।
शर्मनाक बयान को लेकर माफी मांगें
राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी सपा सांसद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की मिट्टी के कण-कण में वीर शिरोमणि राणा सांगा की शौर्य गाथा सुनाई देती है। उनकी वीरता की कहानी सुनकर यहां के बच्चे बड़े हुए हैं। उन्होंने अस्सी घाव खाकर भी देश के लिए लड़ाई लड़ी।
ऐसे देशभक्त योद्धा को गद्दार कहना केवल महाराणा सांगा और राजस्थान का नहीं बल्कि पूरे देश के शौर्य और बलिदान का अपमान करना है। उन्होंने कहा कि सपा सांसद का बयान शर्मनाक और निंदनीय है और उन्हें अपने इस बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
सपा सांसद का बयान माफी योग्य नहीं
उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस की ओर से भी सपा सांसद के बयान की निंदा की गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा सांगा पर सपा सांसद की अमर्यादित टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है और माफी योग्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि महाराणा सांगा अदम्य साहस, वीरता, त्याग और स्वाभिमान के प्रतीक थे। शरीर पर अस्सी घाव लगने के बावजूद उन्होंने युद्ध में वीरता दिखाई थी। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा प्रस्ताव लाना चाहिए जिसके तहत इतिहास पुरुषों के खिलाफ बयान देने वालों की सदस्यता रद्द की जा सके।
राणा सांगा के वंशज ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
इस बीच राणा सांगा के वंशज विश्वजीत सिंह मेवाड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि हमारे इतिहास के एक महान व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों से महाराणा सांगा को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि बाबर को राणा सांगा लेकर आए थे।
सपा सांसद ने पूरी तरह गलत बात कही है क्योंकि वास्तविकता में राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। मेवाड़ ने कहा कि राज्यसभा को वरिष्ठों का सदन कहा जाता है और वहां कुछ परिपक्वता दिखाई जानी चाहिए। इस तरह की टिप्पणी को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
बाबर और राणा सांगा की कोई तुलना नहीं
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी सपा सांसद के बयान की तीखी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बाबर और राणा सांगा की तुलना कभी नहीं की जा सकती। महाराणा सांगा ने स्वतंत्रता की जो अलख जगाई थी, उसने न सिर्फ भारत को गुलाम होने से बचाया बल्कि भारत की संस्कृति को सनातन बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान दिया था। कुछ तुच्छ बुद्धि और छोटे दिल के लोग ऐसी चर्चाएं करते हैं।
सपा सांसद की इस टिप्पणी पर भड़का गुस्सा
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन की टिप्पणी की देशभर में खूब चर्चा है। इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जताई जा रही है। रामजीलाल सुमन का कहना था कि भाजपा के लोगों का यह तकिया कलाम बन गया है कि इनमें बाबर का डीएनए है।
मेरा सवाल है कि आखिरकार बाबर को लाया कौन था? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था। सुमन ने कहा कि अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। बाबर की आलोचना की जाती है मगर राणा सांगा की आलोचना नहीं की जाती।